Coca-Cola ने पन्ना में सस्टेनेबल वेस्ट मैनेजमेंट के लिए साहस को दिया अनुदान

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मध्य प्रदेश, 20 फरवरी 2022: कोका-कोला फाउंडेशन (टीसीसीएफ) ने अपशिष्ट प्रबंधन के लिए काम  कर रहे एक गैर-लाभकारी संगठन, साहस को अनुदान दिया है, जिसके तहत अगले दो वर्षों में पन्ना नेशनल पार्क के आसपास के 30 गांवों में टिकाऊ कचरा प्रबंधन (सस्टेनेबल वेस्ट मैनेजमेंट) का  बुनियादी ढांचा बनाना है। इस अनुदान के माध्यम से, कोका-कोला फाउंडेशन (टीसीसीएफ) ने पर्यटन मंत्रालय, मध्य प्रदेश के साथ उनकी पहल ‘क्लीन डेस्टिनेशंस’ के तहत कचरा प्रबंधन के लिए पहली मल्टी-स्टेकहोल्डर्स पार्टनरशिप की है, जिसका उद्देश्य कचरा प्रबंधन में स्थानीय सरकार द्वारा संचालित पहल में सहयोग करना है। यह पहल के दायरे में भारत सरकार का ‘स्वच्छ भारत’ मिशन भी शामिल है, जिसका उद्देश्य पूरे देश में, विशेष रूप से गांवों में ठोस और तरल कचरे के स्थायी प्रबंधन को मजबूती प्रदान करना है।

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आज माननीय राज्यपाल मंगूभाई सी. पटेल;  मती उषा ठाकुर, पर्यटन मंत्री, मध्य प्रदेश;  ब्रजेंद्र प्रताप सिंह, खनिज संसाधन और श्रम मंत्री, मध्य प्रदेश;  वी.डी. शर्मा, संसद सदस्य, खजुराहो; मध्य प्रदेश के पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव   शिव शेखर शुक्ला; जिला कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा के साथ कोका-कोला इंडिया एवं साउथ-वेस्ट एशिया के   राजेश अयापिल्ला और   राजीव गुप्ता की मौजूदगी में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।

पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव   शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि ‘‘मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड, पर्यटन विभाग द्वारा रिस्पांसिबल टूरिज्म मिशन अंतर्गत एक अभिनव पहल ”स्‍वच्छ पर्यटन स्‍थल परियोजना” (द-क्लीन डेस्टिनेशन प्रोजेक्ट) प्रारंभ की गई है। परियोजना के प्रथम चरण में पन्ना स्थित नेशनल पार्क के समीपस्थ 30 ग्रामों में प्रारंभ की जायेगी। इसके अंतर्गत मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड एवं संस्था ‘साहस’ बेंगलुरु के मध्य एमओयू हस्ताक्षरित किया गया है। इस परियोजना हेतु विश्व प्रसिद्ध कम्पनी कोकाकोला द्वारा सीएसआर के तहत आवश्यक फंड उपलब्ध कराया जायेगा।’’

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इस पार्टनरशिप पर टिप्पणी करते हुए, टीसीसीएफ की प्रेसिडेंट सु  सादिया मैड्सबर्ज ने कहा कि “हमें गर्व है कि हम अपने संसाधनों का उपयोग टिकाऊ कचरा प्रबंधन के लिए समाधान हासहल करने हेतु शुरू की गई पहल के लिए कर रहे हैं। और हमें पूरा विश्वास है कि यह अनुदान पन्ना नेशनल पार्क क्षेत्र की प्रगति में मदद करेगा, ताकि हम प्रभावी ढंग से कचरे को पुनर्व्यवस्थित कर सकें। टीसीसीएफ और द कोका-कोला कंपनी (टीसीसीसी) दोनों ही वर्ल्ड विदाउट वेस्ट (डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू) का समर्थन करते हैं, जो 2030 तक 100% संग्रह और रीसाइक्लिंग प्राप्त करने का साहसिक, महत्वाकांक्षी लक्ष्य है। डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू वैश्विक स्थायी कचरा प्रबंधन पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने का संकेत देता है।”

प्रोग्राम डायरेक्टर सोनिया गर्ग ने बताया कि “साहस इस पहल का हिस्सा बनने के लिए बहुत उत्साहित है और हमारी परिकल्पना है कि यह परियोजना नेशनल पार्कों और प्राकृतिक पर्यटन स्थलों के लिए टिकाऊ कचरा प्रबंधन की प्रथाओं के मामले में एक उदाहरण बनेगी। नेशनल पार्क अपने दूर’दराज की जगहों पर होने और पर्यटकों द्वारा काफी कचरा उत्पादन के कारण कुछ खास चुनौतियों का सामना करते हैं। इसके बावजूद, ये चुनौतियां महान अवसर भी प्रदान करती हैं। इन प्राचीन परिवेश में टिकाऊ जीवन का संदेश बहुत प्रभावशाली ढंग से दिया जा सकता है और पार्कों में देश भर से बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं जिनके माध्यम से इस संदेश को दूर-दूर तक ले जाया जा सकता है। हम अपनी प्राकृतिक विरासत को स्वच्छ और हरा-भरा रखने में योगदान देने के लिए तत्पर हैं!”

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इस ठोस कचरा प्रबंधन (एसडब्ल्यूएम) कार्यक्रम का मुख्य फोकस कचरा संग्रह और परिवहन प्रणालियों के लिए बुनियादी ढांचे की स्थापना करना है ताकि सभी कचरा सामग्रियों के लिए अंतिम गंतव्य स्थलों का निर्माण सुनिश्चित किया जा सके। इसके अलावा, इसमें सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) और जागरूकता अभियान शामिल हैं ताकि पर्यटकों के बीच कचरे की छटाई और प्रबंधन (वेस्ट सेग्रीगेशन एंड मैनेजमेंट) के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके और व्यवहार में परिवर्तन लाया जा सके।

इस परियोजना के तहत सभी 30 गांवों के लिए कलेक्शन सेंटर्स सहित कचरा प्रबंधन का बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा। यह परियोजना कचरा संग्रह करने और उसके परिवहन के लिए पूरे परियोजना क्षेत्र में मोटर चालित वाहन और ठेले भी उपलब्ध कराएगी। दो बड़े गांवों, मडला और हिनौता के लिए भी वेट वेस्ट कंपोस्टिंग की स्थापना की जाएगी। नेशन पार्क के सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों और प्रवेश द्वारों पर अलग-अलग रंगों वाली कचरा पेटियां रखी जाएंगी।

परियोजना को लागू करने में मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिसमें जिला पंचायत कार्यालय के साथ वन, ग्रामीण, शहरी और राजस्व विभाग सहित राज्य सरकार के विभिन्न विभागों और संस्थानों का सहयोग रहेगा। विभाग ने अपना काफी समर्थन दिया है और 30 गांवों में आवश्यक नागरिक सुविधाओं के साथ-साथ कचरा संग्रह के बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए भूमि प्रदान किया है, ताकि एसडब्ल्यूएम सिस्टम को टिकाऊ बनाया जा सके।

साहस के बारे में

गैर-लाभकारी संस्था, साहस, की स्थापना कर्नाटक के सोसायटी अधिनियम के तहत 2001 में की गई थी। साहस मुख्य रूप से ठोस कचरा प्रबंधन नियम 2016 के ढांचे के भीतर ‘स्रोत अलगाव’ और ‘विकेंद्रीकृत कचरा प्रबंधन’ की अवधारणाओं पर आधारित कार्यक्रमों पर ध्यान देता है। सर्वोत्तम प्रथाओं पर ध्यान देने के लिए, साहस सरकारी संस्थानों, समुदायों, व्यवसायों और कानून निर्माताओं के साथ काम करता है। ठोस कचरा प्रबंधन और संग्रह एवं प्रसंस्करण बुनियादी ढांचे की स्थापना भी करता है। साहस अपने विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये अनौपचारिक क्षेत्र और समाज के वंचित लोगों के लिए आजीविका के बेहतर अवसर प्रदान करने की दिशा में भी काम करता है।

साहस और हमारी पहल के बारे में अधिक जानकारी के लिए https://www.saahas.org/ देखें।

कोका-कोला फाउंडेशन के बारे में

कोका-कोला फाउंडेशन कोका-कोला कंपनी की विश्व स्तर पर सक्रिय परोपकारी संस्था है। 1984 में अपनी स्थापना के बाद से, फाउंडेशन ने दुनिया भर में स्थायी सामुदायिक पहल का समर्थन करने के लिए 1 बिलियन डॉलर से अधिक का अनुदान दिया है, जिसमें पर्यावरण की रक्षा, महिला सशक्तीकरण; और शिक्षा, युवा विकास, कला और संस्कृति और आर्थिक विकास के जरिये समुदायों की संपूर्ण खुशहाली शामिल है।