Chandigarh Mayor Election: AAP का मेयर बनने के बाद भी BJP को बढ़त, नंबर गणित में मार सकती है बाजी, मुश्किल में होगी कुलदीप कुमार की डगर

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चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुए धांधली के आरोपों के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट का रूख अपनाया था। वहीं बीतें दिन मंगवार को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आप)-कांग्रेस गठबंधन के पराजित उम्मीदवार कुलदीप कुमार को शहर का नया मेयर घोषित कर दिया. हालांकि इसके बाद भी कुलदीप कुमार को यह सफर आसान नही होने वाला है।

अंकगणित में भाजपा और गठबंधन बराबर
बता दें चंडीगढ़ नगरनिगम में कुल सदस्यों की संख्या 35 हैं। जिसमें सें आम आदमी पार्टी के पास 13 और कांग्रेस के पास 7 पार्षद थे, जबकि बीजेपी 14 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी थी. हालांकि मेयर चुनाव में आप-कांग्रेस गठबंधन करके उतरी थी और इस तरह उसके पास 20 वोट हो गए थे. वहीं अब आप के 3 पार्षदों ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। ऐसे में नगर निगम में अब बीजेपी और आप-कांग्रेस गठबंधन के 17 पार्षदों के बराबर हैं. इसके अलावा बीजेपी चंडीगढ़ से अपनी सांसद किरण खेर, निगम की पदेन सदस्य और एकमात्र अकाली दल पार्षद पर भी भरोसा कर सकती है.

आपको बता दें गठबंधन के नये मेयर कुलदीप कुमार टीटा के सामने तात्कालिक चुनौतियों में से एक सदन में अविश्वास प्रस्ताव से बचना होगा, क्योंकि संख्या बल उनके खिलाफ है. कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, अविश्वास प्रस्ताव जीतने के लिए कुलदीप कुमार को सदन में पार्षदों के बहुमत के साथ-साथ उपस्थित और मतदान करने वालों के दो-तिहाई वोट हासिल करने होंगे.