संभाग के सुदूर अंचल में उपचार के लिए लगेंगे शिविर, संभागायुक्त की पहल पर रूपरेखा तैयार

Shivani Rathore
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इंदौर। इंदौर संभाग के दूर दराज़ के ग्रामीण अंचल में इंदौर के नामी गिरामी डॉक्टर पहुँचकर मरीज़ों का परीक्षण करेंगे और उपचार करेंगे। यही नहीं अत्याधुनिक मशीनों के साथ इन शिविरों में विभिन्न तरह के टेस्ट भी नि:शुल्क किए जाएंगे। संभागायुक्त मालसिंह की पहल पर इन स्वास्थ्य शिविरों का काम आरंभ हो गया है। गत 13 जनवरी को आलीराजपुर ज़िले के उमराली में लगे ऐसे ही शिविर में 4 हज़ार मरीज़ों का परीक्षण किया गया था। आज संभागायुक्त मालसिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा बड़वानी और धार ज़िले के अधिकारियों की बैठक लेकर इन ज़िलों में शिविर की तैयारियों की समीक्षा की। कलेक्टर बड़वानी डॉ. राहुल हरिदास फटिंग ने बताया कि बड़वानी ज़िले के पाटी में 25 जनवरी को शिविर लगाया जाएगा। वहीं धार ज़िले के कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने बताया कि ग्राम धारसीखेड़ा में 28 जनवरी को यह शिविर लगेगा।

संभागायुक्त मालसिंह ने कहा कि ऐसे शिविरों का ग्रामीण अंचल में कलेक्टर अपने अधीनस्थ अमले के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार कराएं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा, एएनएम, कृषि विभाग के मैदानी अमले के माध्यम से गाँव-गाँव में यह जानकारी प्रसारित करें के स्वास्थ्य शिविर में किस तरह की सुविधाएँ उपलब्ध रहेंगी।

संभागायुक्त मालसिंह ने संबंधित कलेक्टर को निर्देश दिये कि वे इन शिविरों के संबंध में जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराएं और उनके माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को लाभ दिलाएं। उन्होंने धार और बड़वानी के कलेक्टर से कहा कि वे पंजीयन के लिए पर्याप्त संख्या में काउंटर बनाएं। साथ ही नि:शुल्क दवाइयों के वितरण के लिए भी उतनी ही संख्या में काउंटर लगाएं। शिविर में आने वाले ग्रामीणों के मार्गदर्शन और सहायता के लिए पृथक से अधिकारी/कर्मचारी तैनात करें। संभागायुक्त ने क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य विभाग इंदौर को निर्देश दिये कि प्रत्येक शिविर में पर्याप्त मात्रा में दवाइयां उपलब्ध रहनी चाहिए। ये सभी दवा यहाँ आने वाले मरीज़ों को निःशुल्क दी जाएँगी। शिविर में पैथोलॉजी लैब के माध्यम से विभिन्न तरह के टेस्ट भी किए जाएंगे। वहीं महिलाओं के लिए सोनोग्राफी की व्यवस्था भी रहेगी। डीन मेडिकल कॉलेज डॉ. संजय दीक्षित को उन्होंने निर्देश दिए कि इंदौर के सभी प्रमुख सरकारी एवं निजी अस्पतालों के डॉक्टरों से समन्वय कर उनकी विशेषज्ञता का लाभ इन दूर दराज़ के गांवों में मिलना सुनिश्चित करें।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कलेक्टर बड़वानी डॉ. राहुल हरिदास फटिंग ने बताया कि पाटी में 25 जनवरी को लगाए जाने वाले मेगा हेल्थ कैंप में पाटी क्षेत्र के 45 ग्राम पंचायतें लाभान्वित होंगी। जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न विभागों के मैदानी अमलों के साथ बैठक कर गाँव में प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। मरीज़ों के पंजीयन के लिए प्रत्येक काउंटर में दो व्यक्ति रखे जाएंगे। नि:शुल्क दवाइयों के सुचारु वितरण की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा रही है। संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि वे मेगा हेल्थ कैंप में प्रत्येक कार्य के लिए एक जिलाधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त करें। सीईओ जिला पंचायत व्यवस्थाओं पर निगरानी के लिए ज़िम्मेवार रहेंगे। उन्होंने कहा कि सूचनाएँ हिंदी में लिखी जाए ताकि लोग आसानी से पढ़ सकें। बैठक में डीन मेडिकल कॉलेज डॉ. संजय दीक्षित ने बताया कि मेगा हेल्थ कैंप में सोनोग्राफी की मशीन और दंत चिकित्सा के लिए डेंटल चेयर भी ले जाई जाएगी। कलेक्टर धार प्रियंक मिश्रा ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग में बताया कि धारसीखेड़ा में लगने वाले मेगा हेल्थ कैंप में ब्लड डोनेशन के लिए भी पृथक से शिविर लगाया जाएगा।

आलीराजपुर में आयोजित हुआ था स्वास्थ्य शिविर

संभागायुक्त मालसिंह के मार्गदर्शन में उमराली में आयोजित मुख्यमंत्री मेगा हेल्थ केम्प का आयोजन गत दिनों किया गया था। इस शिविर में कॉडियोलॉजी, पीडियाट्रिक्स, ईएनटी, न्यूरोलॉजी, गेस्टोइन्ट्रालॉजी, रेडियोलॉजिस्ट, कैंसर स्पेशलिस्ट, गायनोकॉलोजिस्ट, जनरल सर्जन, आई स्पेशलिस्ट, ऑप्थेमलॉजिस्ट, डेंटिस्ट, चिकित्सा विशेषज्ञों सहित अरविन्दो अस्पताल, अपोलो हॉस्पिटल, शैल्बी हॉस्पिटल, चोइथराम हॉस्पिटल, विशेष जुपिटर अस्पताल, मेदांता अस्पताल, इंडेक्स मेडिकल कॉलेज अस्पताल, राजश्री अपोलो अस्पताल से 125 चिकित्सक एवं 300 से अधिक मेडिकल स्टाफ उपस्थित थे। इस शिविर में लगभग चार हजार मरीजों का उपचार किया गया था।

शिविर में इंदौर से आए चिकित्सकों एवं स्टाफ के अतिरिक्त आलीराजपुर जिले के चिकित्सकों एवं मेडिकल स्टाफ ने भी शिविर में चिकित्सा सेवाएं प्रदान की। शिविर में पंजीयन के लिए पृथक-पृथक काउंटर बनाए गए थे। पृथक-पृथक चिकित्सा जांच हेतु कक्ष बनाए गए थे। शिविर में स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लेने आने वालों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने हेतु पेयजल, बैठक व्यवस्था, व्हील चेयर, वालेंटियर्स सहित दवाई वितरण काउंटर बनाया गया था। प्रत्येक काउंटर एवं व्यवस्था हेतु नोडल अधिकारी नियुक्त किये गए थे। शिविर स्थल पर ही पंजीयन, चिकित्सकीय जांच के साथ लेबोरेटरी जांच, एक्स रे, सोनोग्राफी, ईसीजी सहित अन्य जांच की व्यवस्था की गई थी, जिसका लाभ शिविर में आए आमजन को मिला।