महाराष्ट्र में शुक्रवार को होने वाले शिवसेना सरकार में मंत्री मण्डल का विस्तार फिलहाल टल गया हैं। कैबिनेट का गठन नहीं होने से राज्य के कामों में अड़चन होने से राज्य मंत्रियों का अधिकार सचिवों को सौंप दिए गए हैं। बीते 5 अगस्त को शिवसेना गुट और बीजेपी पक्ष के विधायकों के मंत्री मंडल का गठन होना था।
गौरतलब है कि, मंत्रियों द्वारा लिए जाने वाले अहम निर्णयों को अब सचिवों को जिमेंद्दारी दे दी गई हैं। गृह, राजस्व और शहरी विकास मंत्रालय में कई अपीलें पिछले महीने भर से लंबित हैं। वहीं नई सरकार बने 36 दिनों से ज्यादा का वक्त हो गया है, लेकिन अभी तक मंत्रिमंडल नहीं बन पाया है। मंत्रिमंडल नहीं बनने से अब इसका असर विभागों पर पड़ रहा है, इसलिए मंत्रियों के सभी अधिकार सचिवों को देने का फैसला सरकार ने किया है। राज्य के मुख्य सचिव द्वारा इसके आदेश जारी किए गए हैं।
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सूत्रों के अनुसार, 5 अगस्त को होने वाली कैबिनेट का विस्तार अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही कैबिनेट का विस्तार होने की उम्मीद है। वहीं गुरुवार को महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने दिल्ली में पार्टी के बड़े नेताओं से कैबिनेट विस्तार के मुद्दे को लेकर मुलाकात की थी।
वहीं गुरुवार को महाराष्ट्र के कैबिनेट विस्तार को लेकर तस्वीर साफ हो गई थी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की कैबिनेट का विस्तार 5 अगस्त को होने वाला था। महाराष्ट्र सरकार बनने के लंबे समय के बाद बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) में सरकार में मंत्रियों को लेकर सहमति भी बन गई है। बीजेपी के कोटे से आठ विधायक मंत्री पद की शपथ लेंगे, तो वहीं शिंदे खेमें से सात विधायक मंत्री पद की शपथ लेंगे। लेकिन इस लिस्ट में महाराष्ट्र की पूर्ववर्ती देवेन्द्र फडणवीस सरकार में मंत्री रहे कई सीनियर विधायकों का पत्ता काट दिया गया है।