
यूके और ऑस्ट्रेलिया के सैकड़ों लोग बने थे ठगी के शिकार, FirstIdea कंपनी का पार्टनर निकला मुख्य आरोपी
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एक अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है, जो यूनाइटेड किंगडम और ऑस्ट्रेलिया के नागरिकों को निशाना बना रहा था। इस हाई-टेक रैकेट का मुख्य आरोपी निशांत वालिया नोएडा से गिरफ्तार किया गया है, जो ‘FirstIdea’ नामक कंपनी का साझेदार बताया जा रहा है।
नोएडा से चल रहा था अंतरराष्ट्रीय फर्जीवाड़े का संचालन
CBI के अनुसार, निशांत वालिया नोएडा में एक फर्जी टेक्निकल सपोर्ट नेटवर्क का संचालन कर रहा था। आरोपी और उसका गिरोह लोगों को झूठे कॉल सेंटरों, फर्जी वेबसाइट्स और फिशिंग स्कीम्स के ज़रिए शिकार बना रहे थे। इन कॉल सेंटरों से विदेशी नागरिकों को तकनीकी सहायता, बैंकिंग समस्याओं या साइबर सुरक्षा जैसे झूठे बहानों से कॉल की जाती थी और फिर उन्हें अपने जाल में फंसा लिया जाता था।

डिजिटल सबूतों के साथ दबोचा गया आरोपी
सीबीआई ने गिरफ्तारी के साथ-साथ एक व्यापक तलाशी अभियान चलाया, जिसमें आरोपी के कब्जे से लैपटॉप, मोबाइल फोन, सर्वर, डिजिटल स्टोरेज डिवाइसेज़ और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए। शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपी बेहद उन्नत सॉफ्टवेयर और फर्जी वेबसाइट्स की मदद से लोगों की संवेदनशील जानकारी जैसे पासवर्ड, बैंक डिटेल्स और पर्सनल डेटा चुराता था।
फिशिंग स्कीम और टेक सपोर्ट का झांसा
इस सिंडिकेट की कार्यशैली बहुत संगठित थी। टीम यूके और ऑस्ट्रेलिया के नागरिकों को यह कहकर डराती थी कि उनका बैंक खाता या सिस्टम हैक हो गया है। इसके समाधान के नाम पर उन्हें रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने को कहा जाता था और फिर पीड़ितों के खातों से पैसे निकाल लिए जाते थे।
CBI की जांच जारी, कई और गिरफ्तारियां संभव
CBI इस केस को एक अंतरराष्ट्रीय साइबर क्राइम मॉडल मानते हुए इसकी गहराई से जांच कर रही है। जांच एजेंसी अब निशांत वालिया के सहयोगियों, टेक्निकल स्टाफ और अन्य फर्जी कॉल सेंटर नेटवर्क की तलाश में देशभर में छापेमारी कर रही है। सूत्रों का कहना है कि यह सिंडिकेट अब तक दर्जनों विदेशी नागरिकों से लाखों डॉलर की ठगी कर चुका है। यह कार्रवाई इस बात की चेतावनी है कि साइबर क्राइम अब सीमाओं से परे जाकर ऑपरेट कर रहा है, और इसके खिलाफ संयुक्त अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की आवश्यकता है।