दिल्ली में आयोजित कांग्रेस की वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक के दौरान, 9 अक्टूबर को कांग्रेस ने इजराइल-हमास विवाद में फिलिस्तीन का समर्थन किया था। इसके परिणामस्वरूप, बीजेपी ने कांग्रेस पर हमले का जोर और बड़ा दिया है।
CM हिमंत बिस्वा सरमा के तरफ से आलोचना
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि कांग्रेस को हमास के आतंकवादी हमलों की निंदा करनी चाहिए थी, और फिर फिलिस्तीन के बारे में बोलना चाहिए था। वह कांग्रेस के प्रस्ताव को पाकिस्तान के साथ केवल फिलिस्तीन के बारे में बात करने की तरह मानते है, इस दौरान सरमा ने पूछा कि क्या ऐसी पार्टी भारत में सरकार बनाने के योग्य है या फिर पाकिस्तान में।
CWC का दिशा-निर्देशन
CWC ने इस विवाद पर एक प्रस्ताव पास किया, जिसमें कहा गया कि मिडिल ईस्ट में हो रहे युद्ध में हजारों लोग मारे गए हैं, और उन्होंने फिलिस्तीनी लोगों के जमीनी हक, स्वशासन, आत्मसम्मान, और गरिमा से जीने के अधिकारों के समर्थन दोहराई है।
बीजेपी का आरोप
केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कांग्रेस पर आतंकवाद और आतंकी संगठनों के समर्थन का आरोप लगाया था। उन्होंने इस रुख के साथ I.N.D.I.A गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी को आलोचना की, कहते हुए कि कांग्रेस खुले तौर पर हिंसा के साथ खड़ी है और पूछा कि कांग्रेस देश और उसके नागरिकों की रक्षा कैसे करेगी।
भारत सरकार कि स्थिति
इजराइल-हमास विवाद के बीच, भारत सरकार ने पूरी तरह से इजराइल का समर्थन किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संकट की घड़ी में भारत इजराइल के साथ एकजुट है, और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इजराइल पर हमास के हमले को एक आतंकवादी हमले के रूप में देखा और बताया कि भारत ने फिलिस्तीन के लोगों के स्वतंत्रता और संप्रभु देश की स्थापना के लिए समर्थन दिया है।