BJP नेता कैलाश विजयवर्गीय ने बताया – कैसे हुआ था पितृ पर्वत का निर्माण, जानिए 25 मार्च को क्या होने वाला है

Share on:

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय आज इंदौर में एक सभा में उपस्थित हुए। इस दौरान उन्होंने बताया कि पितृ पर्वत का निर्माण कैसे हुआ था। उन्होंने बताया, 2002 में जब वो मेयर थे उस दौरान उन्होंने विश्व के वास्तुविद्वानों की एक कॉन्फ्रेंस कराई थी। तभी एक विदु से उन्होंने इंदौर के वास्तु के बारे में पूछा, जिसमें उन्होंने बताया कि इंदौर का विकास पश्चिम क्षेत्र के कारण रुका हुआ। यहां पितृ दोष है जिस वजह से यहां का विकास रुका है। जिसके बाद यहाँ पितृ पर्वत का निर्माण हुआ और वर्तमान में यहाँ ढाई लाख पेड़ है।

देवी अहिल्या बाई होलकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से पितरेश्वर हनुमान धाम की दूरी करीब 3 किलोमीटर है। यह स्थान रेलवे स्टेशन से करीब 11 किलोमीटर और गंगवाल बस स्टैंड से करीब 8 किलोमीटर दूर है। पितरेश्वर हनुमान मूर्ति को लगवाने से लेकर प्राण-प्रतिष्ठा तक का श्रेय भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और उनकी पूरी टीम को जाता है। पितरेश्वर हनुमान धाम का इतिहास भी बेहद दिलचस्प है।

Also Read : सलमान को लॉरेंस-गोल्डी गैंग से मिला धमकी भरा मेल, बढ़ाई गई घर की सुरक्षा, लिखा- अगली बार…

मालूम हो कि इंदौर शहर के सीमा पर पितृ पर्वत पर विराजित पितरेश्वर हनुमान की 108 टन वजनी मूर्ति पवन पुत्र के भक्तों के बीच आस्था का केंद्र है। 72 फीट उंची मूर्ति दूर से ही नजर आ जाती है। इस मूर्ति का निर्माण ग्वालियर के 125 कारीगरों ने 7 साल में किया था। हनुमानजी के चारों ओर 5 हाइमास्ट लगे हुए हैं। इससे रात में भी दिन जैसा दूधिया उजाला रहता है।