Bhopal. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) के कमला नेहरू अस्पताल (Kamla Nehru Hospital) में बीते दिन यानी सोमवार को आग लगने का मामला सामने आया था। इतने बड़े मामले के बाद भी जिम्मेदारों की लापरवाही थम नहीं रही है, कोई बच्चे को ढूंढ रहा है। तो दूसरी ओर किसी परिजन को किसी और बच्चे का शव थमा दिया गया है। इसके अलावा भी मौत के आंकड़ों को लेकर सरकार-अस्पताल प्रबंधन और परिजन अलग-अलग आरोप लगा रहे हैं। इसी कड़ी में अब सरकार ने तीन डॉक्टरों और एक अधिकारी पर कड़ी कार्यवाही कर उन्हें निलंबित कर दिया गया है।
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गौरतलब है कि, सोमवार को कमला नेहरू अस्पताल में आग लग गई थी। बच्चों के शव बाहर आने का सिलसिला बुधवार तक चला। सरकार फिर कह रही है कि आग लगने से चार बच्चों की ही मौत हुई लेकिन अस्पताल की माने तो 12 बच्चों की मौत हुई और इसके अलावा कांग्रेस 14 बच्चों की मौत बता रही है। परिजन कई बच्चों की मौत होने की बात कह रहे हैं।
वहीं कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने कहा कि इन बच्चों की लिस्ट में एक-एक बच्चे का हिसाब मांगा, जिसमें स्वीकार किया गया कि 14 बच्चों की मौत हुई, लिखकर दिया। साथ ही मंत्री ने लिखकर दिया चार मौत का… वॉर्ड काला हो गया। उसमें कहते हैं नेचुरल डेथ… अपने आप में बताता है कि पापी लोग बचाना चाहते हैं।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने इस मामले में आपात बैठक बुलाई। जिसके बाद हमीदिया अस्पताल के डीन सहित चार लोगों को सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि, “माननीय मुख्यमंत्री जी ने जैसा कहा था किसी जिम्मेदार को बख्शा नहीं जाएगा। हम गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन जितेन्द्र शुक्ला और हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक लोकेंद्र दवे को उनके पद से हटा रहे हैं। गैस राहत विभाग संचालक केके दुबे को भी पद से हटाया। सीपीए विद्युत विंग के उपयंत्री अवधेश भदौरिया को निलंबित किया। ये सब कार्रवाई तुरंत प्रभाव से हुई है।”