Basant Panchami 2022: आज बसंत पंचमी का त्योहार है। बसंत पंचमी (Basant Panchami) का पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन मनाया जाता है। इस दिन से ही वसंत ऋतु की शुरूआत होती है। मान्यता है कि इस दिन मां देवी सरस्वती की आराधना की जाती है। साथ ही लोग पीले रंग का वस्त्र पहन कर सरस्वती मां की पूजा करते हैं। ज्ञान की देवी मां सरस्वती (Maa Saraswati) है जिनकी पूजा करने से सभी को ज्ञान की प्राप्ति होती है।
बसंत पंचमी (Basant Panchami) के दिन बहुत से लोगो के लिए इतना शुभ माना जाता हैं इस दिन विवाह भी होते है इसलिए कुछ लोग बसंत पंचमी के दिन प्रेम के देवता काम देव की पूजा भी करते हैं। खासतौर पर बसंत पंचमी (Basant Panchami) का त्योहार उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल समेत पूरे उत्तर भारत में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है।
Also Read – TMC सांसद की जैन समाज पर अभद्र टिप्पणी पर भड़कीं रमा देवी, कही ये बात
वसंत पंचमी 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त (Basant Panchami Shubh Muhurat 2022)
वसंत पंचमी- 5 फरवरी, शनिवार 2022
पूजा मुहूर्त: 07:07 मिनट से 12:35 मिनट तक
अवधि: 5 घंटे 28 मिनट
वसंत पंचमी पर त्रिवेणी योग
ज्योतिष गणना के अनुसार इस वर्ष वसंत पंचमी के दिन त्रिवेणी योग का संयोग बन रहा है। इन तीन शुभ योग में विद्यारंभ और शुभ कार्य करने बहुत ही फलदायी रहेगा। आइए जानते हैं कौन से हैं ये तीन शुभ योग…
पहला शुभ योग- सिद्धि योग
दूसरा शुभ योग- साध्य योग
तीसरा शुभ योग- रविव योग
Also Read – Tithi: आज है माघ शुक्ल पक्ष चतुर्थी/पञ्चमी तिथि, इन बातों का रखे ख़ास ध्यान
बसंत पंचमी का महत्व (Significance of Basant Panchami) :
कहा जाता है बसंत पंचमी के दिन लोग विद्या की देवी सरस्वती की आराधना करते हैं। इस दिन को श्री पंचमी भी कहते हैं। इस दिन को शिक्षा प्रारंभ करने या किसी नई कला की शुरूआत करने के लिए आज का दिन शुभ माना जाता है। कई लोग इस दिन गृह प्रवेश भी करना शुभ मानते हैं। इस दिन लक्ष्मी और भगवान विष्णु पूजा करने का भी विधान है।
कैसे करे विद्या की देवी की पूजा अर्चना :
बसंत पंचमी (Basant Panchami) के दिन सरस्वती पूजा के मौके पर पीले रंग के कपड़े पहनना चाहिए। हिंदू पंचांग के मुताबिक, पंचमी तिथि सूर्योदय और दोपहर के बीच रहती है और ध्यान रहे बसंत पंचमी पर मां सरस्वती पूजा करते समय सरस्वती चालीसा का पाठ जरूर करे। मान्यता है कि इस दिन गृह प्रवेश, वाहन खरीदना, नींव पूजन, नया व्यापार प्रारंभ जैसे मांगलिक कामों की शुरुआत करने पर शुभ फल मिलता है।