चैत्र महीने में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर भगवान श्रीराम (Shree Ram) का जन्म हुआ था। हर साल चैत्र माह की नवरात्रि की नवमी तिथि पर रामनवमी मनाई जाती है। इस दिन प्रभु श्रीराम का जन्मोत्सव होता है। इस साल रामनवमी (Ram Navmi) के दिन रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग एवं रवि योग का त्रिवेणी संयोग बन रहा है। यह तीन युग इस साल की रामनवमी को बहुत शुभ बना रहे हैं। इस दिन मकान, वाहन आदि की खरीदारी, महत्वपूर्ण कामों को शुरु करने और सूर्य देव की अनन्त कृपा को लेने के लिए विशेष दिन है। पुरानी मान्यताओं के मुताबिक, प्रभु श्रीराम का जन्म त्रेतायुग में हुआ था, तब चैत्र शुक्ल की नवमी तिथि पर पुनर्वसु नक्षत्र में कर्क लग्न का उदय था और पांच ग्रह मंगल, शुक्र, सूर्य, शनि एवं बृहस्पति सर्वच्च स्थान पर स्थित थे।
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आइए जानिए इस साल की रामनवमी का शुभ मुहूर्त
चैत्र शुक्ल नवमी तिथि का प्रारंभ: 10 अप्रैल, दिन रविवार, 01:23 एएम पर
चैत्र शुक्ल नवमी तिथि का समापन: 11 अप्रैल, दिन सोमवार, 03:15 एएम पर
राम जन्मोत्सव का शुभ मुहूर्त: दिन में 11:06 बजे से दोपहर 01:39 बजे तक
दिन का शुभ समय: दोपहर 12 बजकर 04 मिनट से दोपहर 12 बजकर 53 मिनट तक
प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव के लिए ढाई घंटे से अधिक का समय मिलेगा
राम नवमी के दिन सुकर्मा योग दोपहर 12 बजकर 04 मिनट तक है, वहीं पुष्य नक्षत्र पूरी रात तक रहेगा। विजय मुहूर्त दोपहर 02:30 बजे से दोपहर 03:21 बजे तक और अमृत काल रात 11:50 बजे से देर रात 01:35 बजे तक है। राम नवमी के दिन राहुकाल शाम 05 बजकर 09 मिनट से शाम 06 बजकर 44 मिनट तक है।
राम जन्मोत्सव
रामनवमी के दिन अयोध्या में प्रभु श्रीराम का जन्मोत्सव होता है। इस दिन भगवान श्रीराम के साथ-साथ उनके सभी छोटे भाइयों भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न का भी जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम का जन्म धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन राम स्तुति और राम मंत्रों का जाप करते हैं। इस अवसर पर रामचरितमानस और रामायण का पाठ भी करतें है।
यदि आप लोगों को भी प्रभु श्रीराम का जन्मोत्सव अपने घर में बनाना है तो, आप शुभ मुहूर्त में मनाइए गा। उनके पालने की सजावट फूल, माला से करें। उनके लिए वस्त्र, मुकुट लेकर आएं। शुभ मुहूर्त में भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाने के बाद सबका मुँह मीठा कराए और प्रसाद बाटें।
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