श्रीमद भागवत के अनुसार देवी मां के 108 शक्तिपीठ होते हैं। काली पुराण के अनुसार 26 और शिवचरित्र (Shivcharitra) में 51 बताए गए हैं। लेकिन वहीँ दुर्गा सप्तशती में मातारानी (Matarani) के 52 शक्तिपीठ बताए गए हैं। भक्तों से माना जाता है कि वो 51 शक्तिपीठ को ही मानते हैं।
हमारे देश भारत में देवी मां कई जगह मंदिर और शक्तिपीठ है। हिंदू शास्त्र और पुराणों के अनुसार कहा गया है कि जहां-जहां माता सती के अंग गिरे हैं, वहीं शक्तिपीठ को माना गया है। यह शक्तिपीठ स्थान बहुत पवित्र होते हैं। भारत देश के अलावा हमारे पडोसी देश पाकिस्तान और नेपाल में भी शक्तिपीठ विराजमान है। आपको बता दें कि ये शक्तिपीठ तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में बसे हुए हैं। माना गया है कि भक्त देवी मां के 51 शक्तिपीठ की ही पूजा करते हैं। देवी भागवत पुराण में इन 51 शक्तिपीठों के बारे में बताया गया है। आइए हम आपको बताते है देवी मां के ऐसे 5 शक्तिपीठ, जिससे भक्त की अधिक आस्था रखते हैं।
कालीघाट शक्तिपीठ (कोलकाता) –
पश्चिम बंगाल के कोलकाता में कालीघाट नाम से एक शक्तिपीठ स्थित है। कहा गया है की इस स्थान पर माता सती के दाएं पैर की कुछ अंगुलियां गिरी थीं, इस शक्तिपीठ को मां काली का शक्तिपीठ कहा जाता है। पुरे देश-दुनिया से लोग मां काली के दर्शन के लिए आते हैं। कालीघाट मंदिर 51 शक्तिपीठ में से एक शक्तिपीठ है। इस मंदिर में मां की मूर्ति में सिर्फ उनका सर और चार हाथ ही दीखते हैं। मां काली को लाल रंग का वस्त्र धारण कराते हैं और उनकी जीभ बहुत लंबी दिखती है। आपको बता दें कि इस मंदिर के पास ही नकुलेश का भी मंदिर है।
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अम्बाजी मंदिर (गुजरात)
अम्बाजी (अंबा माता) का मंदिर गुजरात और राजस्थान की बॉर्डर पर है। यह एक प्राचीन शक्तिपीठ है। माना गया है कि इस मंदिर में माता सती का हृदय गिरा था। यह मंदिर पूरा सफेद संगमरमर से बना हुआ है जिसे देख कर भक्त आकर्षित होते हैं। मंदिर से 3 किमी. दूर एक गब्बर नाम का पहाड़ है, जहां देवी का पुराना मंदिर स्थित है।
देवी तालाब मंदिर (जालंधर)
51 शक्तिपीठो में से एक देवी तालाब मंदिर जालंधर में स्थित है। यह मंदिर शहर के रेलवे स्टेशन से सिर्फ 1 किमी. की दुरी पर ही है। यहां भी देशभर भक्त माता के दर्शन करने आते हैं। माना गया है कि यहां माता सती का बायां वक्षस्थल गिरा था। श्री सिद्ध शक्तिपीठ मां त्रिपुरमालिनी का धाम भी इसी मंदिर में स्थित है। मंदिर में एक पवित्र तालाब है जिसका नाम देश के 108 तालाब में आता है।
गुजयेश्वरी मंदिर (नेपाल)
देवी मां का यह शक्तिपीठ पशुपतिनाथ मंदिर से थोड़ी ही दूर है। मान्यता है कि गुजयेश्वरी शक्तिपीठ 2500 साल पुराना मंदिर है। इस मंदिर में जो देवी विराजीं है उनको नेपाल के लोग अधिष्ठात्री देवी के रूप में पूजते हैं। कहा गया है कि यहां पर माता सती के दोनों घुटने गिरे थे। हर साल नवरात्री पर यहां मेला लगता है जिसमें भारत, भूटान और भी कई देशों से भक्त दर्शंन करने आते हैं।
हिंगलाज भवानी (पाकिस्तान)
देवी मां के 51 शक्तिपीठो में से एक शक्तिपीठ हमारे पडोसी देश पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हिंगलाज माता मंदिर के नाम से स्थित है। माना गया है की यहां देवी सती का सिर गिरा था। पाकिस्तान के लसबेला कस्बे में यह मंदिर स्थित है। इस मंदिर तक जाना अमरनाथ यात्रा से भी मुश्किल माना गया है।
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