15 या 16 अगस्‍त.. कब मनाया जाएगा श्रीकृष्ण जन्मोत्सव? जानें तारीख और पूजा का समय

Author Picture
By Swati BisenPublished On: August 6, 2025
Krishna Janmashtami 2025

Krishna Janmashtami 2025: इस साल भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव शनिवार, 16 अगस्त 2025 को पूरे श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 15 अगस्त की रात 11 बजकर 49 मिनट पर होगी और यह तिथि 16 अगस्त की रात 9 बजकर 34 मिनट तक प्रभावी रहेगी।

पौराणिक मान्यता के अनुसार, श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में मध्य रात्रि के समय हुआ था। यही कारण है कि जन्माष्टमी की पूजा और उत्सव भी रात में ही आयोजित किए जाते हैं, जब भक्तगण लड्डू गोपाल के जन्म का विशेष आयोजन करते हैं।

पूजा का शुभ मुहूर्त

इस वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी की रात्रि पूजा का शुभ समय 16 अगस्त को रात 12:04 बजे से 12:47 बजे तक रहेगा।

यही वह समय है जब श्रीकृष्ण का अवतरण हुआ था। इस विशेष मुहूर्त में लड्डू गोपाल की विधिवत पूजा कर श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाएं।

पूजा की तैयारी और सामग्री

जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए आपको कुछ विशेष सामग्रियों की ज़रूरत होगी:

  • एक चौकी
  • लाल या पीला कपड़ा
  • लड्डू गोपाल की मूर्ति या चित्र
  • गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद
  • फूल, तुलसी पत्र, रोली, चंदन
  • फल, माखन-मिश्री, धनिया पंजीरी
  • दीपक, धूपबत्ती, बाती
  • भगवान के नए वस्त्र, आभूषण, मोरपंख, मुकुट
  • खीरा (डंठल वाला) : जो श्रीकृष्ण के जन्म के प्रतीक स्वरूप पूजा में जरूरी होता है।

पूजा विधि :

  • साफ-सफाई: सबसे पहले पूजा स्थल को अच्छे से साफ करें और एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।
  • प्रतिमा स्थापना: उस पर लड्डू गोपाल की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  • अभिषेक: बाल गोपाल का गंगाजल, दूध और दही से अभिषेक करें।
  • श्रृंगार: उन्हें नए वस्त्र पहनाएं, चंदन, रोली व आभूषण से सजाएं।
  • भोग: भगवान को माखन-मिश्री, पंजीरी और फल आदि का भोग लगाएं।
  • झूला झुलाना: बाल गोपाल को झूले में झुलाएं और आरती करें।
  • प्रसाद वितरण: अंत में सबको प्रसाद बांटें और घर में भक्ति संगीत या भजन का आयोजन करें।

यह पर्व क्यों है खास?

जन्माष्टमी केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि यह दिन हमें धर्म, प्रेम, और सच्चाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। श्रीकृष्ण के बाल रूप की पूजा से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। इस दिन उपवास, भजन और ध्यान करने से जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है।

Disclaimer : यहां दी गई सारी जानकारी केवल सामान्य सूचना पर आधारित है। किसी भी सूचना के सत्य और सटीक होने का दावा Ghamasan.com नहीं करता।