महाशिवरात्रि का पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार महाशिवरात्रि का पर्व 11 मार्च को मनाया जाएगा। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का मिलान हुआ था। वहीं शिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। जिसकी वजह से इस दिन का काफी ज्यादा महत्व है। इस दिन व्रत उपवास करने का विधान है। साथ ही महाशिवरात्रि के दिन खास तौर पर भगवान शिव की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है।
इस साल महाशिवरात्रि का त्योहार 11 मार्च 2021 को मनाया जाएगा। वहीं महाशिवरात्रि का पर्व शिव योग, सिद्धि योग के दुर्लभ संयोग के साथ आने से और भी अधिक प्रभावकारी बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, महाशिवरात्रि कई शुभ संयोगों में मनाई जाएगी। शुभ योग के साथ महाशिवरात्रि के दिन पंचक भी लग रहे हैं। इस दिन चतुर्दशी तिथि 11 मार्च को दोपहर 2 बजकर 41 मिनट से 12 मार्च की दोपहर 3 बजकर 3 मिनट तक रहेगी।
इस दिन सुबह 09 बजकर 24 मिनट तक शिव योग भी रहेगा। बता दे, सिद्ध योग लग जाएगा जो कि 12 मार्च की सुबह 08 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। मान्यता है कि शिव योग में किए गए सभी मंत्र शुभ फलदायी होते हैं, जबकि सिद्ध योग में किए गए कार्यों में सफलता हासिल होती है। इस दिन सुबह 09 बजकर 21 मिनट तक चंद्रमा मकर राशि के उपरांत कुंभ राशि पर संचार करेगा। रात 09 बजकर 45 मिनट तक धनिष्ठा उसके बाद शतभिषा नक्षत्र लगेगा।
हिन्दू पंचांग के अनुसार, सुबह 09 बजकर 21 मिनट से पंचक शुरू होंगे जो कि 16 मार्च की सुबह 04 बजकर 44 मिनट तक रहेंगे। पंचक के दौरान लकड़ी इकठ्ठी करना, चारपाई खरीदना या बनवाना, घर की छत बनवा
जलाभिषेक करने का सही तरीका –
सबसे पहले शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाएं। उसके बाद पंचामृत चढ़ाएं। फिर फिर दूध, दही, शहद, घी, शक्कर चढ़ा दें बाद में फिर गंगाजल से स्नान कराएं। उसके बाद शिवलिंग में चंदन का लेप, बेलपत्र, कनेर, श्वेतार्क, सफेद आखा, धतूरा, कमलगट्टा, गुलाब, नील कमल, पान आदि चढ़ाएं। बता दे, जलाभिषेक करते समय भगवान शिव के मंत्र या फिर सिर्फ ‘ऊं नम: शिवाय’ का जाप करते रहें। फिर दीपक, अगरबत्ती जलाकर आरती करें। आरती करने के बाद भगवान शिव के सामने अपनी भूल-चूक के लिए माफी भी मांग लें।