आलीराजपुर के ग्राम खट्टाली में आज सुबह यात्रा का जोरदार स्वागत किया गया। इस दौरान मध्य प्रदेश के सुदूर वनांचल में बारिश भी वनवासियों का उत्साह रोक नहीं पाई। गौरवयात्रा समूचे मालवा निमाड़ के ग्रामीण अंचल में वास्तविक अर्थों में जनजातीय गौरव का पर्याय बन चुकी है। जहां कहीं भी यात्रा पहुंच रही है, वहां स्वप्रेरणा से ग्रामीण जन बड़ी संख्या में इकट्ठे हो रहे हैं।
Must Read: लोकसभा में कोरोना के नए वेरिएंट पर चर्चा, सिंधियां ने कहा – ये है सरकार की योजना
श्रद्धा और आदर का अद्भुत दृश्य देखने को मिल रहा है। साथ ही जनजातीय समाज अपने लोकगीत गा रहा है और लोकनृत्यों में झूम भी रहा है टंट्या मामा लोकनायक और लोक देवता के रूप में प्रतिष्ठित हो चुके हैं। उनकी संभवतः चौथी और पाँचवी पीढ़ी के परिजन भी इस यात्रा के साथ साथ चल रहे हैं और हर कहीं उनका स्वागत सत्कार हो रहा है।