दुनिया का ताकवतार देश अमेरिका ने एक बड़ी कार्यवाही करते हुए आतंकवाद समुह अल-कायदा के मुखिया अयमान अल-जवाहिरी को मार गिराया है। यूएस ने उसके खिलाफ एक गोपनीय ऑपरेशन चलाया था। इस दौरान बीते रविवार हवाई हमले में तकरीबन सुबह 6 बजकर 18 मिनट पर मार दिया। इसकी पुष्टि खुद पीएम बाइडेन ने की है। अल-कायदा चीफ को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में सीआईए की तरफ से किए गए ड्रोन हमले में ढेर कर दिया गया।
यूनाइटेड स्टेट्स की सुरक्षा एजेंसी एफबीआई की ओर से मोस्ट वांटेड की लिस्ट जारी की है। इसमें अल-जवाहिरी को मृत घोषित कर दिया गया है। अल-जवाहिरी की मौत की खबर बीते 2 दिन के बाद सामने आने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अलकायदा सरगना ने “अमेरिकी नागरिकों के खिलाफ हत्या और हिंसा का एक रास्ता तराशा था।”
ये बोलें- पीएम जो बाइडेन
अब न्याय मिल गया है और यह आतंकवादी नेता नहीं रहा। अधिकारियों ने कहा कि जवाहिरी एक सुरक्षित घर की बालकनी में थे जब ड्रोन ने उस पर दो मिसाइलें दागीं। उन्होंने कहा कि मौके पर परिवार के अन्य सदस्य मौजूद थे, लेकिन उन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ और केवल जवाहिरी मारा गया।
I’m addressing the nation on a successful counterterrorism operation. https://t.co/SgTVaszA3s
— President Biden (@POTUS) August 1, 2022
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2011 में ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद जवाहिरी ने अल-कायदा को अपने नियंत्रण में ले लिया था। वह और लादेन संयुक्त राज्य अमेरिका पर 9/11 के हमलों के मास्टरमाइंड थे। जवाहिरी वह अमेरिका के “मोस्ट वांटेड आतंकवादियों” में से एक था।
ये कहा तालिबान ने
तालिबान के एक प्रवक्ता ने अमेरिकी ऑपरेशन को अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों का स्पष्ट उल्लंघन बताया। प्रवक्ता ने कहा, “इस तरह की कार्रवाइयां पिछले 20 वर्षों के असफल अनुभवों की पुनरावृत्ति हैं और संयुक्त राज्य अमेरिका, अफगानिस्तान और क्षेत्र के हितों के खिलाफ हैं।”
मिस्र के इस्लामिक जिहाद आतंकवादी समूह की स्थापना में मदद करने वाले एक नेत्र सर्जन जवाहिरी ने मई 2011 में बिन लादेन को अमेरिकी सेना द्वारा मारे जाने के बाद अल-कायदा का नेतृत्व संभाला था। इससे पहले, जवाहिरी को अक्सर बिन लादेन का दाहिना हाथ और अल-कायदा का मुख्य विचारक कहा जाता था. कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में 11 सितंबर 2001 के हमलों के पीछे उसका ही “संचालन दिमाग” था।
मिस्र का एक डॉक्टर जिसे 1980 के दशक में उग्रवादी इस्लाम में शामिल होने के आरोप में जेल में डाल दिया गया था, उसने अपनी रिहाई के बाद देश छोड़ दिया और हिंसक अंतरराष्ट्रीय जिहादी आंदोलनों में शामिल हो गया। आखिरकार वह अफगानिस्तान में बस गया और एक अमीर सऊदी, ओसामा बिन लादेन के साथ सेना में शामिल हो गया. उन्होंने साथ में अमेरिका के खिलाफ युद्ध की घोषणा की और 11 सितंबर 2001 के हमलों को अंजाम दिया।