देश के पहले बीआरटीएस प्रोजेक्ट की बस लेन अब मिक्स ट्रैफिक का हिस्सा बन चुकी है। करीब चार महीने पहले सरकार ने इसे हटाने का निर्णय लिया था, लेकिन टेंडर की मंजूरी न मिलने के कारण नगर निगम अब तक कार्रवाई नहीं कर पाया। इस देरी से परेशान होकर शहरवासियों ने खुद ही बस लेन का इस्तेमाल निजी वाहनों के लिए शुरू कर दिया है। नतीजतन, अब सिटी बसों के साथ अन्य वाहन भी उसी लेन में चलते दिखाई दे रहे हैं। खासतौर पर एलआईजी से गीताभवन के बीच यह स्थिति ज्यादा देखने को मिल रही है, क्योंकि इस हिस्से में मोटर वाहन लेन काफी संकरी है।
नगर निगम अब तक बीआरटीएस को हटाने की प्रक्रिया शुरू नहीं कर सका है। लगभग चार महीने पहले केवल औपचारिकता के तौर पर 400 मीटर क्षेत्र में रैलिंग हटाई गई थी। अब निगम इस कॉरिडोर को पूरी तरह से हटाने के लिए तीसरी बार टेंडर जारी कर रहा है, क्योंकि पहले दो प्रयासों में कोई भी ठेकेदार सामने नहीं आया। सुबह और शाम के समय इस मार्ग पर ट्रैफिक का दबाव काफी अधिक रहता है, जिसके चलते अब वाहन चालक खुद ही बस लेन का उपयोग करने लगे हैं।

बीआरटीएस हटाने में अड़चन
- लोगों ने अब अपनी गाड़ियां बस लेन में चलाना खुद ही शुरू कर दिया है।
- निगम ने बीआरटीएस हटाने के कार्य के लिए दो बार टेंडर जारी किए, लेकिन दोनों ही बार कोई भी ठेकेदार आगे नहीं आया।
- कामन व्हीकल लेन में वाहनों का जाम लगा रहता है, जबकि बीआरटीएस की बस लेन खाली पड़ी रहती है।
- नगर निगम अब टेंडर की शर्तों में परिवर्तन कर तीसरी बार बीआरटीएस कॉरिडोर को तोड़ने का टेंडर निकाल रहा है।
- स्मार्ट सिटी कंपनी ने जीपीओ चौराहा से व्हाइट चर्च चौराहा तक बीआरटीएस कॉरिडोर को तोड़ने का काम शुरू किया था, लेकिन यह काम बहुत चुनौतीपूर्ण है।