सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव से नाता तोड़ने के बाद अब उनका झुकाव बीजेपी की ओर देखने को मिल रहा है। बीजेपी के लिए जब से बदले हैं, तभी से राजनीतिक गलियारों से ऐसी कयास लगाए जा रहे है कि उनके बेटे अरविंद राजभर बीजेपी से विधान परिषद भेजे जा सकते हैं। सूत्रों के अनुसार अरविंद जल्द ही भाजपा ज्वाइन भी कर लें।
गौरतलब है कि, उत्तर प्रदेश में बीजेपी को प्रचंड बहुमत जीत मिलाने के बाद अखिलेश यादव के गठबंधन से ओमप्रकाश ने अचानक नाता तोड़ लिया। यादव से अलग होने के बाद अब सूत्रों के हवाले से संकेत मिला रहे है की राजभर का झुकाव बीजेपी की ओर हो रह है। ओमप्रकाश राजभर ने अब सपा मुखिया अखिलेश यादव पर हमला बोलना शुरू किया है, और जिस तरीके से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ में वह कसीदे पढ़ रहे हैं, उससे यह साफ दिख रहा है कि कहीं न कहीं, कोई बात बन रही है।
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बता दे, विधान परिषद की 2 सीटों के लिए नामांकन का दौर शुरू हो चुका है और 11 अगस्त को इस पर वोटिंग होना है। ऐसे में पूरी संभावना यह जताई जा रही है कि ओमप्रकाश राजभर अब भाजपा के हो चले हैं और अपने बेटे को बीजेपी के कोटे से विधान परिषद भेज सकते हैं।
समाजवादी पार्टी ने जब तीन विधान परिषद सदस्य बनाए, तो उनमें एक नाम स्वामी प्रसाद मौर्य का भी था। उस वक्त भी ओमप्रकाश राजभर ने अपने बेटे को विधानसभा भेजने के लिए अच्छा खासा दबाव बनाया था, लेकिन अखिलेश यादव ने यह कहकर मना कर दिया था कि, अगली बार उन्हें भेजा जाएगा। चर्चा है कि जब ओमप्रकाश राजभर ने दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात की तब यह बात तय हुई है। हालांकि, ओमप्रकाश राजभर के बेटे को भाजपा की तरफ से विधान परिषद में भेजने की पुष्टि फिलहाल न तो राजभर का खेमा कर रहा है और न ही बीजेपी। लेकिन चर्चा और कयासबाजी तो काफी ज्यादा तेज है।
राजभर को मिली थी Y श्रेणी की सुरक्षा
राजभर सपा पार्टी से अलग होने के बाद बीजेपी की राट्रपति उम्मीद्वार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दिया था, इसलिए उनके बेटे को विधान परिषद भेजने की संभावना को रिटर्न गिफ्ट के तौर पर देखा जा रहा है। इससे कुछ दिन पहले ही योगी सरकार ने सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजभर को सुरक्षा कारणों से Y श्रेणी की सुरक्षा भी मुहैया कराई है।