मध्यप्रदेश में हर दिन खुले बोरवेल में बच्चों के गिरने व मौत की संख्याए बढ़ती ही जा रही है। सिर्फ ग्रामीण इलाकों में नहीं बल्कि शहरी क्षेत्रों में लगातार इस तरह की खबर सुनने में आती रहती है। ऐसे कई स्थान है जहां पर बोलवेल के गड्ढे खुले हुए हैं। इन्हें लंबे समय से बंद नहीं किया गया है, जिसके कारण लगातार हादसे होते रहते है। इन हादसों को ध्यान में रखकर प्रशासन ने नया आदेश जारी किया है। आदेश का उल्लंघन करने वालों को जेल भी जाना पड़ सकता है।
बता दें कि कुछ दिनों पहले सीएम डॉ. मोहन यादव ने भी खुले बोरवेल को लेकर सख़्त निर्देश दिए थे। जिसको लेकर प्रशसन सख्त है। बोरवेल में गिरने की बढ़ती घटना को देखते हुए भोपाल कलेक्टर ने नया आदेश जारी किया है। जिसके मुताबिक खुले बोरवेल को बंद करवाने और ढंकने की ज़िम्मेदारी अब थाना प्रभारी और SDM की होगी। कलेक्टर आशीष सिंह ने खुले बोरवेल में छोटे बच्चों के गिरने की बढ़ती घटना को लेकर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है. आदेश में साफ कहा गया है कि भोपाल जिले के सभी खुल अनुपयोगी बोलवेल की जानकारी एकत्रित कर उन्हें बंद करने की कार्रवाई की जाए। आदेश का उल्लंघन किये जाने पर धारा 188 के अंतर्गत कार्रवाई हो सकती है।
क्या मिल सकती है सजा
IPC की धारा 188 के तहत सजा के दो प्रावधान हैं। पहला – अगर आप सरकार या किसी सरकारी अधिकारी द्वारा कानूनी रूप से दिए गए आदेशों का उल्लंघन करते हैं, या आपकी किसी हरकत से कानून व्यवस्था में लगे शख्स को नुकसान पहुंचता है, तो आपको कम से कम एक महीने की जेल या 200 रुपये जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है।
वहीं दूसरा- अगर आपके द्वारा सरकार के आदेश का उल्लंघन किए जाने से मानव जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा, आदि को खतरा होता है, तो आपको कम से कम 6 महीने की जेल या 1000 रुपये जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है।