साहित्य समागम समापन सत्र में बोलते हुए इंदौर के वरिष्ठ पत्रकार तथा घमासान डॉट कॉम के संपादक राजेश राठौर(Rajesh Rathore) ने कहा कि पुस्तकें पढ़ने की आदत कम होती जा रही है पहले हर घर में पुस्तकें दिख जाया करती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है इसलिए यह संकल्प लिया जाना चाहिए कि शादी समारोह से लेकर कहीं पर भी यदि कोई भेंट देना है तो उस समय पुस्तकों की भेंट दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वे हर शादी समारोह में पुस्तकें ही भेंट करते हैं।
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पुरुष की दृष्टि में महिला लेखन विषय पर बोलते हुए राजेश राठौर ने कहा कि सुभद्रा कुमारी चौहान से लेकर कृष्णा सोबती, महाश्वेता देवी और तस्लीमा नसरीन तक ने महिला लेखन की सार्थकता को साबित किया है उन्होंने कहा कि महिला लेखन का अपना एक गौरवपूर्ण इतिहास है।
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अंतर्राष्ट्रीय महिला साहित्य समागम की सफलता के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हम विश्व के और भी अधिक देशों से हिंदी लेखक और लेखिकाओं को आमंत्रित करेंगे उन्होंने नीदरलैंड सिंगापुर नेपाल बेल्जियम सहित अनेक देशों से आए लेखक लेखिकाओं को धन्यवाद भी दिया । इस अवसर पर बेहद सफल आयोजन के लिए राजेश राठौर का सम्मान भी किया गया।