भारतीय प्रबंध संस्थान इंदौर (IIM Indore) को एसोसिएशन ऑफ एमबीए (एएमबीए) और बिजनेस ग्रेजुएट्स एसोसिएशन (बीजीए) एक्सीलेंस अवार्ड्स में ‘बेस्ट सीएसआर और सस्टेनेबिलिटी इनिशिएटिव’ कैटेगरी में रजत प्राप्त हुआ है। 290 मान्यता प्राप्त बिजनेस स्कूलों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए, आईआईएम इंदौर को इस श्रेणी के शीर्ष सात स्कूलों में चुना गया और 21 जनवरी, 2022 को लंदन में आयोजित पुरस्कार समारोह के दौरान संस्थान ने रजत पदक जीता।
संस्थान ने अपने पर्यावरण, सामाजिक और कॉर्पोरेट प्रशासन (एनवायरनमेंट, सोशल एवं कॉर्पोरेट रेस्पोंसिबिलिटी – ईएसजी) पहल के लिए रजत पदक प्राप्त किया है। पुरस्कारों की घोषणा दस श्रेणियों में की गई। आईआईएम इंदौर इस श्रेणी में शॉर्टलिस्ट किया गया एकमात्र भारतीय बिजनेस स्कूल है। साथ ही, आईआईएम इंदौर एक्सीलेंस अवार्ड्स 2022 के लिए नामांकित होने वाले भारत के तीन बिजनेस स्कूलों में से एक है।
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बेस्ट सीएसआर और सस्टेनेबिलिटी इनिशिएटिव अवार्ड उन बिजनेस स्कूलों को सम्मानित करता है जो संपोषणीयता की पहल कर रहे हैं, विद्यार्थियों को सामाजिक मूल्यों के बारे में सिखाते हैं, और व्यावहारिकतरीकों से सकारात्मक प्रभाव लाते हैं। यह स्कूलों को वैश्विक स्तर पर अपने अभिनव और मूल सीएसआर और पहलों को प्रदर्शित करने का मौका देता है। प्रो. हिमाँशु राय, निदेशक, आईआईएम इंदौर इस पुरस्कार समारोह में ऑनलाइन मोड में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि आईआईएम इंदौर का उद्देश्य एक प्रासंगिक बिजनेस स्कूल बने रहना है, जो अपने विद्यार्थियों को विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करता है।
‘सर्वश्रेष्ठ सीएसआर और सस्टेनेबिलिटी इनिशिएटिव श्रेणी के लिए रजत प्राप्त करने पर हम प्रसन्न हैं। हम आईआईएम इंदौर में सामाजिक रूप से जागरूक लीडरों, प्रबंधकों और उद्यमियों को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो राष्ट्र निर्माण में कुशलता से योगदान करते हैं। संस्थान पूरे वर्ष कई पर्यावरणीय, सामाजिक और कॉर्पोरेट जिम्मेदारी पहलें करता है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि विद्यार्थियों और शिक्षकों सहित सम्पूर्ण आईआईएम इंदौर समुदाय के सदस्य इन पहलों में योगदान करते हैं, क्योंकि हम इस दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए दृढ़ और प्रतिबद्ध हैं’, उन्होंने कहा। प्रो. राय ने बताया कि कई पर्यावरण के अनुकूल पहलों के अलावा, संस्थान अपने विद्यार्थियों को पाठ्यक्रमों और कार्यक्रमों से सामाजिक रूप से जागरूक भी बनाता है।
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‘हमारे रूरल एन्गागेमेंट प्रोग्राम मेंहमारे सभी विद्यार्थी भारत के मध्य प्रदेश के गाँवों में लगभग एक सप्ताह बिताते हैं। वे न केवल गाँव का निरीक्षण करते हैं बल्कि एक रिपोर्ट तैयार करते हैं और अपने निष्कर्ष और सुझाव प्रशासन को प्रस्तुत करते हैं’, उन्होंने कहा। आईआईएम इंदौर को हाल ही में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद द्वारा वन डिस्ट्रिक्ट वन ग्रीन चैंपियन अवार्ड भी मिला है, जिससे संस्थान जिले का सबसे स्वच्छ और हरित शैक्षणिक संस्थान बन गया है।
संस्थान ने 193 एकड़ के परिसर में विभिन्न भवनों पर सौर पैनल स्थापित किए हैं, जिससे बिजली की खपत में कमी आई है। ज़ीरो-वेस्ट-किचन के मद्देनज़र रसोई के अपशिष्ट का उपयोग परिसर में ही खाद बनाने के लिए किया जाता है। इस खाद का उपयोग परिसर के अंदर जैविक उद्यान में सब्जियों और फलों की खेती के लिए किया जाता है। संस्थान में रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम भी है जो यह सुनिश्चित करता है कि अपशिष्ट जल एकत्र कर बागवानी और सफाई जैसी गतिविधियों में पुन: उपयोग हो। आईआईएम इंदौर का बागवानी प्रकोष्ठ- संजीवनी, आस-पास के अस्पतालों में जरूरतमंदों और मरीजों को वितरित की जाने वाली जड़ी-बूटियों का उत्पादन करता है।
संस्थान 35 से अधिक श्वानों को आश्रय भी प्रदान करता है, उनके उचित भोजन और स्वास्थ्य को सुनिश्चित करता है, और उनकेएडॉप्शन के लिए पहल करता है। संस्थागत सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत, संस्थान ने मध्य प्रदेश सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के साथ कई पहलों के लिए सहयोग किया है, जैसे स्कूल शिक्षकों को प्रशिक्षण, बीट पुलिसिंग को मजबूत करना, यातायात प्रबंधन, राज्य में आत्मानिर्भर भारत के लिए रणनीति, महिलाओं के लिए वित्तीय साक्षरता, एक जिला यूपी में एक उत्पाद योजना, आदि।