Indore News: शहर में निकलेगी कलश यात्रा, 4 दिसंबर को होगा भव्य कार्यक्रम

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By Suruchi ChircteyPublished On: November 24, 2021

इंदौर (Indore News): अमर क्रांतिकारी टंट्या भील के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को जन-जन तक पहुंचाने के लिये विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। मुख्य कार्यक्रम 4 दिसम्बर को इंदौर जिले के पातालपानी में होगा। इससे पहले टंट्या भील की जन्म स्थली बड़ोद अहीर की पवित्र माटी को लेकर कलश यात्रा (kalash yatra) निकलेगी तथा दूसरी यात्रा सैलाना से प्रारंभ होगी। इन कार्यक्रमों के लिये व्यापक तैयारियां की जा रही है। बड़ोद अहीर से कलश यात्रा 27 नवम्बर को तथा सैलाना से यात्रा 29 नवम्बर को प्रारंभ होगी।

इन दोनों यात्राओं का मार्ग निर्धारित कर दिया गया है। उक्त यात्राएं इंदौर और उज्जैन संभाग के विभिन्न जिलों से होती हुई धार में तीन दिसम्बर को आकर मिलेंगी। यह यात्राएं 4 दिसम्बर को पातालपानी आयेंगी। यात्रा मार्ग पर सभा एवं अन्य कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 27 नवम्बर से शुरू होने वाली कलश यात्रा पहले दिन बड़ोद अहीर, नेपानगर, सिंगोट में रहेंगी। अगले दिन 28 नवम्बर को आशापुर, खण्डवा, छेगांवमाखन तथा भीकनगांव, 29 नवम्बर को झिरनिया, चिरिया, मुडिया, बिस्टान तथा खरगोन, 30 नवम्बर को सेगांव, नागरवाड़ी, सेंधवा तथा निवाली, एक दिसम्बर को पलसूद, सिलावद, बड़वानी तथा कुक्षी, दो दिसम्बर को गंधवानी, मनावर तथा धरमपुरी, तीन दिसम्बर को नालछा होते हुये धार पहुंचेगी और 4 दिसम्बर को पातालपानी आकर मुख्य कार्यक्रम में शामिल होगी।

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इसी तरह दूसरी यात्रा जो 29 नवम्बर को रतलाम जिले के सैलाना विधानसभा क्षेत्र के बाजना से शुरू होकर सैलाना तथा रतलाम पहुंचेगी, 30 नवम्बर को पेटलावद, थांदला, मेघनगर तथा झाबुआ एक दिसम्बर को रानापुर तथा आलीराजपुर, दो दिसम्बर को जोबट, टाण्डा तथा राजगढ़ और तीन दिसम्बर को बदनावर होते हुये धार पहुंचेगी तथा 4 दिसम्बर को पातालपानी आयेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंशानुसार 4 दिसंबर को अमर क्रांतिकारी टंट्या भील को श्रद्धा-सुमन अर्पित करने के उद्देश्य से पातालपानी में भव्य कार्यक्रम किया जाएगा।

वीर टंट्या भील को जबलपुर जेल में फाँसी दी गई थी। उनका अंतिम संस्कार महू के पास पातालपानी में हुआ था। राज्य सरकार ने तय किया है कि पूरे सम्मान के साथ उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए जाएंगे। टंट्या मामा का जन्म इंदौर संभाग के खण्डवा जिले में पंधाना के पास बड़ोद अहीर गाँव में हुआ था। बड़ोदा अहीर की मिट्टी कलश में लेकर यात्रा आरंभ होगी। इसी प्रकार एक यात्रा सैलाना क्षेत्र से भी आरंभ होगी। निर्देश दिये गये है कि जिलों के कलेक्टर और विभिन्न संगठनों से समन्वय कर आवश्यक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जाये।