मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक से पहले मंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार जनता के हित और विकास के सभी वादों को तेजी से पूरा कर रही है। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि अब जनजातीय कन्या छात्रावास और आश्रमों का नाम वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम पर रखा जाएगा, जबकि बालक छात्रावासों का नाम राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह के नाम से जाना जाएगा।
उन्होंने भावांतर योजना के तहत सोयाबीन किसानों के खातों में राशि 15 दिन के भीतर जमा होने पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि अब तक 1 लाख 33 हजार किसानों को कुल 233 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि यह योजना देश में मॉडल बन रही है और अन्य राज्य इससे प्रेरणा ले रहे हैं।
आर्थिक सशक्तिकरण की प्रतिबद्धता
लाड़ली बहना योजना के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने वादा पूरा करते हुए भाईदूज पर दी जाने वाली राशि 1,250 रुपये से बढ़ाकर 1,500 रुपये कर दी है। जून 2023 से अब तक बहनों को कुल 44,900 करोड़ रुपये से अधिक वितरित किए जा चुके हैं।
सीएम ने यह भी कहा कि सरकार बहनों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और उनके रोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने के अवसर सुनिश्चित करने के लिए भी सक्रिय कदम उठाए जा रहे हैं।
जनजातीय गौरव दिवस का सफल आयोजन
डॉ. मोहन यादव ने जनजातीय गौरव दिवस के सफल आयोजन पर प्रदेशवासियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि जबलपुर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल संबोधन किया।
कार्यक्रम में 662 करोड़ रुपये से अधिक की 135 विकास योजनाओं की घोषणा की गई और जनजातीय कार्य विभाग की योजनाओं की जानकारी देने के लिए नया शालिनी ऐप भी लॉन्च किया गया।
छात्रावासों में नया गौरवपूर्ण नामकरण
सीएम ने यह भी बताया कि प्रदेश के सभी कन्या छात्रावास और आश्रम अब वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम से, और बालक छात्रावास राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह के नाम से जाने जाएंगे। इसके अलावा, वर्ष 2026 में पांच हजार छात्रावास अधीक्षकों की भर्ती भी की जाएगी।










