उज्जैन के बेगमबाग में फिर चला बुलडोजर, यूडीए की बड़ी कार्रवाई, 12 मकान और दुकानें हुई जमींदोज

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By Pinal PatidarPublished On: November 5, 2025

उज्जैन शहर के बेगमबाग इलाके में बुधवार सुबह एक बार फिर बुलडोजर की आवाज़ गूंज उठी। उज्जैन विकास प्राधिकरण (UDA) ने इस बार मुस्लिम बहुल क्षेत्र में अवैध निर्माणों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 12 मकानों और दुकानों को ध्वस्त कर दिया। सुबह करीब 7 बजे से प्रशासनिक अमला पूरे दल-बल के साथ मौके पर पहुंचा और क्षेत्र को सुरक्षा घेरे में लेकर कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी गई। लगभग 8 बजे आधिकारिक रूप से तोड़फोड़ की शुरुआत हुई। इस दौरान हरिफाटक से लेकर महाकाल घाटी मार्ग तक का रास्ता सुरक्षा कारणों से पूरी तरह बंद रखा गया।

यूडीए अधिकारियों ने दी जानकारी, पांचवीं कार्रवाई बताई



यूडीए के सीईओ संदीप सोनी ने बताया कि यह कार्रवाई लीज डीड उल्लंघन के मामलों में की गई पांचवीं बड़ी कार्रवाई है। उन्होंने बताया कि संबंधित भूखंडों को आवासीय उपयोग के लिए 30 साल की लीज पर दिया गया था, लेकिन लाभार्थियों ने न केवल लीज की शर्तों का पालन नहीं किया, बल्कि कई जगह पर मकानों को तोड़कर दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में बदल दिया। कुछ ने तो जमीन के टुकड़े कर बेचने का काम भी शुरू कर दिया था। कार्रवाई के लिए प्रशासन ने 4 पोकलेन मशीनें, 3 जेसीबी और नगर निगम के 50 से अधिक कर्मचारियों को तैनात किया था। सुरक्षा के लिहाज से भारी पुलिस बल भी मौजूद रहा ताकि किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति न बने।

पहले भी हुई थी कार्रवाई, नोटिस के बाद शुरू हुई तोड़फोड़

जानकारी के अनुसार, बेगमबाग क्षेत्र में अवैध निर्माण को लेकर प्रशासन पहले भी कई बार कार्रवाई कर चुका है। 24 अक्टूबर को ही सभी 12 परिवारों को अंतिम नोटिस जारी किया गया था, जिसमें उन्हें अपने निर्माण स्वयं हटाने का समय दिया गया था। नोटिस अवधि समाप्त होने के बाद बुधवार को ये कार्रवाई की गई। इससे पहले भी इसी क्षेत्र में करीब 27 अवैध निर्माण तोड़े जा चुके हैं। अब तक कुल 60 से अधिक अवैध ढांचे हटाए जा चुके हैं, जिससे उज्जैन विकास प्राधिकरण को जमीन पर फिर से कब्जा मिल सका है।

कुंभ के लिए तैयार हो रहा नया मार्ग, सड़क चौड़ीकरण का हिस्सा है अभियान

यूडीए अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई सिर्फ अवैध निर्माण हटाने के लिए नहीं, बल्कि एक बड़े विकास कार्य से जुड़ी है। जिस भूमि को खाली कराया गया है, वहां जल्द ही 24 मीटर चौड़ी सड़क बनाई जाएगी। यह सड़क हरिफाटक से महाकाल घाटी तक बनेगी और आने वाले सिंहस्थ कुंभ 2028 में देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मुख्य मार्ग का काम करेगी। प्रशासन का कहना है कि यह प्रोजेक्ट शहर के यातायात और धार्मिक पर्यटन दोनों के लिए अहम साबित होगा।

इन परिवारों के मकानों और दुकानों पर चला बुलडोजर

कार्रवाई में कई परिवार प्रभावित हुए हैं।
• भूखंड क्रमांक 26 पर सैयद लियाकत अली और रोशनी बी के दो मकान ध्वस्त किए गए।
• भूखंड क्रमांक 48 में साजिद अहमद खान, रईस मोहम्मद, अब्दुल खालिक, मोहम्मद अयूब, मोहम्मद नासिर, अकेला बी और एजाज अहमद के कुल सात निर्माण गिराए गए।
• भूखंड क्रमांक 63 पर अनीशा बी, अब्दुल नासिर, उवैस शेख, आयशा बी और फेमिदा के तीन निर्माणों को ढहाया गया।

सभी मकानों को पहले ही नोटिस देकर कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी।

लीज उल्लंघन और बकाया भुगतान प्रमुख कारण

यूडीए अधिकारियों के अनुसार, बेगमबाग क्षेत्र में वर्ष 1985 में 34 प्लॉट 30 वर्ष की लीज पर आवासीय उपयोग के लिए दिए गए थे। शर्तों के अनुसार, इन भूखंडों को न तो बेचा जा सकता था और न ही व्यावसायिक उपयोग में लाया जा सकता था। इसके बावजूद कई लीजधारकों ने न केवल नियमों का उल्लंघन किया बल्कि वर्षों से लीज भुगतान भी नहीं किया। यही वजह रही कि यूडीए ने अनुबंध को रद्द करते हुए निर्माणों को अवैध घोषित कर दिया।

हाईकोर्ट में कुछ मामलों पर स्टे भी जारी

हालांकि, सभी मामलों में तोड़फोड़ नहीं हो सकी है। कुछ प्रभावित पक्षों ने इस कार्रवाई के खिलाफ मध्यप्रदेश हाईकोर्ट से स्थगन आदेश (स्टे) ले रखा है। ऐसे मामलों में यूडीए ने कानूनी प्रक्रिया का इंतजार करने की बात कही है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि जिन संपत्तियों पर अदालत की रोक नहीं है, वहां प्रशासनिक कार्रवाई जारी रहेगी।

स्थानीय स्तर पर मिली-जुली प्रतिक्रिया

बेगमबाग क्षेत्र में हुई कार्रवाई को लेकर लोगों की मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिली। कुछ लोगों ने कहा कि प्रशासन को पहले पुनर्वास का विकल्प देना चाहिए था, वहीं कुछ स्थानीय नागरिकों ने सड़क चौड़ीकरण के समर्थन में कहा कि यह शहर के विकास के लिए जरूरी कदम है।