मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को हमीदिया अस्पताल के नेत्र रोग विभाग का निरीक्षण किया और कार्बाइड गन हादसे में घायल बच्चों से भेंट की। उन्होंने वार्ड में पहुंचकर प्रशांत, करण, अंश और आरिष सहित अन्य मरीजों का हालचाल जाना तथा उनके परिजनों से बातचीत की। डॉ. यादव ने उपचार कर रहे विशेषज्ञ चिकित्सकों और अस्पताल प्रशासन से इलाज की स्थिति की विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा और निरंतर चिकित्सकीय निगरानी सुनिश्चित की जाए, ताकि वे शीघ्र स्वस्थ हो सकें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार घायलों के उपचार की पूरी जिम्मेदारी वहन करेगी और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इंदौर में भी कार्बाइड गन पर लगा प्रतिबंध
दिवाली के दौरान कार्बाइड गन के इस्तेमाल से कम से कम 31 लोग, जिनमें अधिकतर बच्चे शामिल हैं, गंभीर आंखों की चोटों का शिकार हुए। इसके बाद इंदौर जिला प्रशासन ने शुक्रवार को इन खतरनाक खिलौना गनों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया। साथ ही, पुलिस ने कार्बाइड गन से संबंधित ‘रील्स’ या वीडियो बनाने और उन्हें सोशल मीडिया पर साझा करने पर भी रोक लगा दी है।
दिवाली के समय कार्बाइड गन के प्रयोग से कम से कम 31 लोग, जिनमें अधिकांश बच्चे थे, गंभीर आंखों की चोटों का सामना करना पड़ा। इस घटना के बाद इंदौर जिला प्रशासन ने शुक्रवार को इन खतरनाक खिलौना गनों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया। इसके साथ ही पुलिस ने कार्बाइड गन से जुड़े ‘रील्स’ या वीडियो बनाने और उन्हें सोशल मीडिया पर साझा करने पर भी रोक लगा दी है।
जिला मजिस्ट्रेट शिवम वर्मा ने धारा 163 के तहत आदेश जारी करते हुए कहा कि गैरकानूनी तरीके से निर्मित कार्बाइड गनें जनता के स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए हानिकारक हैं। इसलिए इनका निर्माण, भंडारण, क्रय-विक्रय, वितरण, प्रदर्शन और उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है। पुलिस अतिरिक्त उपायुक्त राजेश डंडोटिया ने बताया कि केवल गन के क्रय-विक्रय और उपयोग पर ही रोक नहीं लगाई गई है, बल्कि इससे संबंधित वीडियो बनाना और सोशल मीडिया पर साझा करना भी प्रतिबंधित किया गया है।
घायलों के परिवारों को मिलेगा हर संभव सहयोग
मुख्यमंत्री ने घायल बच्चों के परिजनों से बातचीत के दौरान आश्वस्त किया कि सरकार इस कठिन समय में उनके साथ खड़ी है। उन्होंने अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिए कि बच्चों और उनके परिवारों को हर संभव सहयोग प्रदान किया जाए, जिसमें भोजन, दवाइयों की उपलब्धता और परामर्श सेवाएँ भी शामिल हों।
अधिकांश बच्चों की आंखों की सर्जरी पूरी
मुख्यमंत्री ने अस्पताल के नेत्र रोग वार्ड में बच्चों के इलाज की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और चिकित्सकों के साथ वर्तमान स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने प्रत्येक मरीज के उपचार में प्रयुक्त चिकित्सा तकनीक और दवाओं की जानकारी भी प्राप्त की। चिकित्सकों ने बताया कि अधिकांश बच्चों की आंखों की सर्जरी पूरी हो चुकी है और उन्हें नियमित रूप से निगरानी में रखा जा रहा है।
बच्चों की सुरक्षा सरकार की शीर्ष प्राथमिकता
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस तरह की घटनाओं को दोहराने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। उन्होंने अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि वे मिलकर घायलों का पूर्ण और उचित उपचार सुनिश्चित करें। राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि हर घायल को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा मिले और किसी को भी इलाज के लिए परेशानी न झेलनी पड़े।









