इंदौर के BRTS में अब आई बस सेवा ठप हो गई है, जिससे यात्रियों को यात्रा में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पहले दो स्टॉप के बीच का सफर केवल 2 से 3 मिनट में पूरा होता था, लेकिन अब वही दूरी तय करने में 15 से 20 मिनट का समय लगने लगा है।
राजीव गांधी से देवास नाका तक का सफर करने में उन्हें 1 घंटे 35 मिनट लगे। इससे पहले यह दूरी बस से केवल 40 से 45 मिनट में तय हो जाती थी, जबकि बाइक से यही मार्ग केवल 23 मिनट में पूरा किया जा सकता है।
BRTS को लेकर मुख्यमंत्री लेंगे अंतिम निर्णय
जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 21 नवंबर 2024 को घोषणा की थी कि इंदौर के बीआरटीएस के बारे में अंतिम निर्णय ले लिया गया है। लोगों को हो रही समस्याओं को देखते हुए इसे हटाया जाएगा। फरवरी 2025 में हाईकोर्ट ने भी आदेश जारी कर इंदौर के बीआरटीएस को हटाने का निर्देश दिया था।
इसके बावजूद, दिसंबर 2025 का आधा महीना गुजर चुका है, लेकिन बीआरटीएस को अब तक पूरी तरह से हटाया नहीं जा सका है।
यात्रियों की परेशानी
समय बढ़ गया, ट्रैफिक पहले इतना नहीं था- एलआईसी कॉलोनी के निवासी अशोक ने बताया कि बीआरटीएस के टूटने से काफी समस्या पैदा हुई है। पहले आई बस में सफर करने में जो समय लगता था, अब वही सफर डबल समय ले रहा है। उन्होंने कहा कि इसे तोड़ने से ट्रैफिक ठीक होगा, यह सोचना गलत है। अब ट्रैफिक और अधिक जाम और उलझन भरा हो गया है। उनका मानना है कि बीआरटीएस को पूरी तरह से तोड़ना सही नहीं है और इसे बनाए रखना चाहिए।
BRTS हटाना पूरी तरह से गलत- राजेंद्र नगर के निवासी मिथिलेश निगम ने बताया कि पहले आई-बस में सफर करना काफी सुविधाजनक था, लेकिन बीआरटीएस हटने के बाद यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। अब बस को सीधे पूरे ट्रैफिक का सामना करना पड़ता है, जबकि पहले ऐसा नहीं था। उनका कहना है कि बीआरटीएस को हटाना पूरी तरह गलत निर्णय है और इससे बस यात्रा का समय भी बढ़ जाएगा।
स्टूडेंट्स के लिए सबसे बड़ी सुविधा- यात्री राहुल पाटीदार ने कहा कि सरकार को बीआरटीएस को हटाना नहीं चाहिए। यह स्टूडेंट्स के लिए एक बहुत ही उपयोगी सुविधा है। बीआरटीएस हटने के बाद बस अब सामान्य सड़कों पर चल रही है, जिससे यात्रा का समय बढ़ गया है—पहले 2 से 3 मिनट का सफर अब 10 से 15 मिनट तक हो गया है। इसके अलावा, टिकट लेने में भी कई बार परेशानी का सामना करना पड़ता है।









