मध्यप्रदेश के स्कूली बच्चों के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक बड़ी सौगात का ऐलान किया है। अब प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले उन विद्यार्थियों को भी नि:शुल्क पुस्तकें और बैग दिए जाएंगे, जो शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत पढ़ाई कर रहे हैं। यह सुविधा अगले शैक्षणिक सत्र से लागू होगी। खिरकिया में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम बच्चों के सुनहरे भविष्य की गारंटी है।
फीस प्रतिपूर्ति की राशि अंतरित
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस मौके पर आरटीई से लाभान्वित विद्यार्थियों की फीस प्रतिपूर्ति की राशि सीधे प्राइवेट स्कूलों को अंतरित की। उन्होंने एक ही क्लिक में प्रदेश के 20,652 प्राइवेट स्कूलों को 489 करोड़ रुपए की राशि जारी की। इस दौरान मंच पर केंद्रीय राज्यमंत्री दुर्गादास उईके, प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह और पूर्व मंत्री कमल पटेल मौजूद रहे। सीएम ने बताया कि अब तक 8.45 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों की फीस का भुगतान सरकार कर चुकी है।
सांदीपनि विद्यालयों और अन्य योजनाओं का उल्लेख
अपने संबोधन में सीएम ने बताया कि प्रदेशभर में सांदीपनि विद्यालयों की स्थापना की गई है, जहां बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को पहले से ही मुफ्त साइकिल, ड्रेस और किताबें दी जा रही हैं। वहीं, बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष योजनाएँ चलाई जा रही हैं—प्रथम स्थान पाने वाले को स्कूटी और 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वालों को लैपटॉप दिया जा रहा है।
प्राइवेट स्कूलों के बच्चों के लिए नई योजना
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार केवल सरकारी स्कूलों पर ही नहीं, बल्कि प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा पर भी ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा, “प्रदेश के हर चौथे बच्चे की फीस हमारी सरकार भर रही है। अब हम इन बच्चों को बैग और किताबें भी देंगे।” इस घोषणा को बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है।
सांकेतिक चेक का वितरण
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर दो स्कूलों को सांकेतिक चेक भी भेंट किए। शांति निकेतन हायर सेकेंड्री स्कूल छीपाबड़ को 62 निःशुल्क प्रवेशित विद्यार्थियों के लिए 4 लाख 1 हजार 593 रुपए और सरस्वती शिशु विद्या मंदिर खिरकिया को 59 विद्यार्थियों के लिए 3 लाख 61 हजार 979 रुपए का चेक दिया गया।
नेताओं के संबोधन
केंद्रीय राज्यमंत्री दुर्गादास उईके ने कहा कि शिक्षा सिर्फ डिग्री हासिल करने का साधन नहीं है, बल्कि यह समाज और देश की प्रगति का आधार है। उन्होंने कहा कि आज सरकारी स्कूलों में अच्छे भवन, पौष्टिक मध्यान्ह भोजन और उच्च स्तरीय शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने अपने संबोधन में बताया कि आरटीई के तहत प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 70 प्रतिशत बच्चे किसान परिवारों से आते हैं। वहीं, पूर्व मंत्री कमल पटेल ने हरदा जिले की तरक्की का उल्लेख करते हुए कहा कि यह जिला सिंचाई, पेयजल, सड़क और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं में लगातार आगे बढ़ रहा है।
विकास कार्यों की सौगात
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हरदा जिले को कई विकास कार्यों की सौगात दी। उन्होंने 1851.04 लाख रुपए की लागत से बनने वाले पांच प्रोजेक्ट्स का भूमिपूजन किया। इसके अलावा धनवाड़ा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आवास गृहों और नवीन 33/11 केव्ही 5 एमव्हीए भवरास उप केंद्र का लोकार्पण भी किया। सीएम ने 72 किलोमीटर लंबी आशापुर-हरदा सड़क निर्माण की भी घोषणा की, जिससे जिले के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की कनेक्टिविटी और मजबूत होगी।