नगर निगम ने चार साल पहले पीएम आवास योजना के तहत डोसीगांव में मल्टी बनाकर गरीब परिवारों के लिए रहने की व्यवस्था की थी। लेकिन अब यह आशियाना निगम के लिए परेशानी का सबब बन गया है, क्योंकि यहां के निवासी न तो निगम को निर्धारित राशि जमा कर रहे हैं और न ही अपने लोन की किस्तें चुका रहे हैं।
इसके अलावा, इन लोगों के बिजली और पानी के बिलों के कारण नगर निगम को हर माह लगभग चार से पांच लाख रुपये और सालाना करीब 50 लाख रुपये से अधिक का नुकसान उठाना पड़ रहा है। निगम ने अब सख्त कदम उठाते हुए इनका बिजली और पानी का कनेक्शन काटने की चेतावनी दी, जिससे कुछ लोगों ने अपने निजी बिजली मीटर लगवा लिए। बावजूद इसके, अधिकांश निवासी अभी भी निगम द्वारा प्रदान की जा रही बिजली और पानी पर निर्भर हैं।
चार-चार नोटिस, फिर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं
इन सभी लाभार्थियों को अब तक चार-चार बार नोटिस भेजे जा चुके हैं, लेकिन न तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया दी है और न ही अपनी बकाया राशि जमा करवाई है। इस मामले की जानकारी राज्य सरकार को भी दी जा चुकी है। वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराने के बाद जल्द ही इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।
अधूरी राशि जमा न करने वाले हितग्राहियों की स्थिति
पीएम आवास योजना के तहत निर्मित मल्टी की कुल लागत लगभग 7.5 लाख रुपए निर्धारित की गई थी। इसमें से केवल दो लाख रुपए ही हितग्राहियों को जमा करवाने थे, जबकि शेष राशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जा रही थी और नगर निगम के माध्यम से लोन की व्यवस्था भी की जा रही थी। इसके बावजूद, अधिकांश लोगों ने अब तक नगर निगम में अपनी निर्धारित राशि जमा नहीं कराई है।
लगभग 150 लोग बने बैंक डिफाल्टर
डोसीगांव लैट में कुल 188 लाभार्थियों ने रजिस्ट्री करवा ली है। इनमें से 166 ने बैंक से लोन लेकर नगर निगम को अपनी निर्धारित राशि जमा कर दी। वहीं, जिन लोगों ने बैंक से लोन लिया था लेकिन उस राशि का भुगतान नहीं किया, वे अब बैंक के डिफाल्टर बन चुके हैं। इस तरह के लोगों की संख्या लगभग 150 है, और लोन देने वाली बैंकें उन्हें लगातार नोटिस भेज रही हैं।
रजिस्ट्री की स्थिति
डोसीगांव में निर्मित मल्टी में कुल 396 फ्लैट बनाए गए थे। इनका आवंटन लॉटरी के जरिए गरीब परिवारों को किया गया और प्रारंभ में उन्हें 20 हजार रुपए जमा करवाने के बाद शेष राशि बैंक लोन के माध्यम से नगर निगम को देने की शर्त रखी गई थी। इसके बाद ही उनके फ्लैटों की रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी की जानी थी। फिलहाल 188 लाभार्थियों ने रजिस्ट्री करवा ली है, जबकि 200 से अधिक लोगों ने अब तक न तो किस्तों का भुगतान किया और न ही निगम को राशि जमा कराई है।
बिल भुगतान की जिम्मेदारी अभी भी निगम पर
फ्लैटों में रहने वाले परिवारों को प्रारंभ में नगर निगम की ओर से नल और बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराए गए थे। तब से उनका बिल निगम द्वारा ही भुगतान किया जा रहा है। इन परिवारों को कई बार स्वयं के मीटर लगवाने और नल कनेक्शन के लिए कहा गया, लेकिन वे इसमें कोई पहल नहीं कर रहे हैं। इसके कारण नगर निगम को हर माह चार से पांच लाख रुपए की बिजली और पानी की राशि जमा करनी पड़ रही है।