उत्तर भारत में इस बार पड़ेगी कड़ाके की ठंड, ला नीना का रहेगा असर, मौसम वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी

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By Kalash TiwaryPublished On: September 25, 2025

IMD Alert for Winter La NIna : भारत समेत दक्षिण एशियाई देशों में मानसून का मौसम अब समाप्ति की ओर है और सर्दियों की दस्तक करीब मानी जा रही है। इस बीच मौसम विभाग और वैज्ञानिकों की चर्चा का केंद्र सर्दियों के मौसम को माना जा रहा है।

ला नीना ने सबका ध्यान आकर्षित किया है। ला नीना एक जलवायु परिघटना है, जो इस बार सर्दियों को और अधिक ठंडा बना सकती है। ऐसे में वैज्ञानिक इस बार प्रचंड कड़ाके की ठंड की भविष्यवाणी कर रहे हैं।

क्या है ला नीना

ला नीना दरअसल सदर्न ऑक्जिलेशन का ठंडा फैज है। इसमें प्रशांत महासागर की सतह का तापमान सामान्य से नीचे चला जाता है। जिसके कारण वैश्विक मौसम पैटर्न बदलते हैंv जहां एल नीनो गर्म मौसम और सूखे की ओर ले जाता है। वही ला नीना ठंडी हवा ज्यादा और शीत लहर की संभावना को बढ़ा देता है।

अमेरिकी राष्ट्रीय मौसम सेवा के जलवायु पूर्वानुमान केंद्र के मुताबिक अक्टूबर से दिसंबर के बीच ला नीना विकसित होने की संभावना 71% तक प्रतिशत तक मानी जा रही है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने भी सितंबर में कहा था कि ला नीना अस्थाई रूप से तापमान में गिरावट ला सकता है।

इन राज्यों में होगी कड़ाके की ठण्ड

उत्तर भारत के राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार, एमपी, छतीशगढ, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली में नवंबर में सामान्य से ज्यादा ठंडी पड़ सकती है। शीत लहर और पाले की घटना बढ़ सकती है। किसान और आम जनता को समय रहते तैयारी की सलाह दी जा रही है।

प्रशांत समुद्री पर्यावरण लैब के अनुसार ला नीना मध्य भूमध्य रेखीय प्रशांत क्षेत्र से और सामान्य रूप से ठंडे पानी का कारण बनता है। इसका असर केवल एशिया बल्कि अमेरिका और अफ्रीका के कई हिस्सों पर भी देखने को मिलता है। इस बार भारत में सामान्य से अधिक कड़ाके की ठंड हो सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर ला नीना मजबूत होता है तो उत्तर भारत के मौसम में पूरी तरह से बदलाव आएगा।