मध्य प्रदेश में वर्तमान में भाजपा की सरकार है और प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव हैं, लेकिन इसी बीच प्रदेश की राजनीति में कल से एक सियासी हलचल बढ़ रही है। बता दें की नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार को एमपी का मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग जोर पकड़ रही है। कांग्रेस कार्यकर्ता सिंघार को प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठा रहे हैं। अनूपपुर दौरे के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके सामने नारे लगाए, ‘MP का अगला मुख्यमंत्री उमंग सिंघार हो!’
मध्य प्रदेश में आदिवासी नेतृत्व की मांग क्यों तेज?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि कांग्रेस में लंबे समय से यह चर्चा चल रही है कि मध्य प्रदेश में आदिवासी नेतृत्व होना चाहिए। प्रदेश में लगभग 1.5 करोड़ आदिवासी मतदाता हैं, जो सीधे चुनावी परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं। गौरतलब है कि 2023 विधानसभा चुनाव से पहले भी नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा था, ‘प्रदेश को अब आदिवासी मुख्यमंत्री मिलना चाहिए।’
जानें क्यों उठ रहा उमंग सिंघार का नाम ?
दरअसल, उमंग सिंघार आदिवासी समुदाय से हैं और कांग्रेस में लंबे समय से उन्हें एक प्रभावशाली चेहरा माना जाता रहा है। वहीं, मध्य प्रदेश की राजनीति में आदिवासी वोट बैंक की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। प्रदेश की लगभग 47 विधानसभा सीटें सीधे आदिवासी इलाकों से जुड़ी हैं। ऐसे में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मानना है कि यदि पार्टी 2028 के विधानसभा चुनाव में सफलता पाना चाहती है, तो उसे आदिवासी नेतृत्व को प्राथमिकता देनी होगी।
लोगों के बीच यह मुद्दा क्यों बन गया हॉट टॉपिक?
- कांग्रेस की आंतरिक राजनीति – प्रदेश में कई प्रमुख नेता हैं, लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं की यह प्राथमिकता नेतृत्व संघर्ष में नया दिशा-निर्देश दे सकती है।
- आदिवासी वोट बैंक पर नजर – कांग्रेस और भाजपा दोनों ही आदिवासी क्षेत्रों को चुनाव जीतने की मुख्य कुंजी मानती हैं।
- 2028 की तैयारी – चुनाव अभी दूर हैं, लेकिन पार्टी पहले से ही अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने में लगी हुई है।