राजधानी भोपाल के लिए 20 साल बाद तैयार किया जा रहा मास्टर प्लान-2047 अब अपने अंतिम चरण में है। इस पर मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव स्तर पर चर्चा पूरी हो चुकी है और इसे जल्द ही सार्वजनिक किए जाने की संभावना है।
नए ड्राफ्ट में प्लानिंग एरिया का विस्तार बढ़ाकर 1,016.90 वर्ग किलोमीटर कर दिया गया है, जिसमें अब 254 गांव शामिल होंगे। यह संख्या 2010 में तैयार मास्टर प्लान-2021 के ड्राफ्ट से 58 गांव अधिक है। उस समय के ड्राफ्ट में 813 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र और 196 गांव सम्मिलित थे, हालांकि बाद में वह प्लान वापस ले लिया गया था।
इस बार के मास्टर प्लान में भोपाल को आधुनिक और सतत विकास वाले शहर के रूप में ढालने के लिए कई नए प्रावधान शामिल किए गए हैं। इसकी रूपरेखा केंद्र सरकार की शहरी नियोजन संबंधी गाइडलाइन के अनुरूप तैयार की गई है।
उल्लेखनीय है कि पहले नगरीय विकास एवं आवास विभाग के एसीएस संजय शुक्ला के तबादले के चलते यह प्रक्रिया कुछ समय के लिए धीमी पड़ गई थी। अब नए एसीएस संजय दुबे के कार्यभार संभालने के बाद उम्मीद है कि यह ड्राफ्ट शीघ्र जारी किया जाएगा।
चार दिशाओं में बसेंगे नए व्यापारिक केंद्र
प्रस्ताव के तहत शहर के चारों कोनों में कमर्शियल हब विकसित किए जाएंगे। इससे छोटी-मोटी जरूरतों के लिए एक छोर से दूसरे छोर तक जाने में लगने वाला समय और ट्रैफिक दोनों कम होंगे।
इसके तहत अयोध्या नगर, रायसेन रोड, एयरपोर्ट दिशा में मौरी और करोंद के आसपास ऐसे कमर्शियल हब विकसित किए जाएंगे, जहां FAR एमपी नगर के समान होगा।
शहर के आवासीय क्षेत्रों का 5 जोनों में पुनर्गठन
ड्राफ्ट में मुख्य सड़कों से हटकर कॉलोनियों की आंतरिक सड़कों के पास स्थित आवासीय क्षेत्रों को जनसंख्या घनत्व के आधार पर पांच रेसिडेंशियल जनरल (RG) जोनों में विभाजित किया गया है। RG-1 से RG-5 तक इन जोनों में यह स्पष्ट किया गया है कि किन क्षेत्रों में किस प्रकार नया विकास या पुनर्विकास किया जा सकता है।
मेन रोड किनारे हाउसिंग और बिजनेस का कॉम्बिनेशन
मास्टर प्लान में कॉमर्शियल मिक्स्ड यूज़ ज़ोन (सीएमयू) विकसित किए जाएंगे, जहां एक ही क्षेत्र में आवासीय, वाणिज्यिक, संस्थागत और मनोरंजन सुविधाओं की अनुमति होगी। इसका उद्देश्य शहरी फैलाव पर नियंत्रण रखते हुए कार्यस्थल के समीप आवास को प्रोत्साहित करना है।
केंद्र सरकार ने ‘ईज़ ऑफ लिविंग इंडेक्स’ में मिक्स्ड लैंड यूज़ वाले शहरों को प्राथमिकता दी है। इसी के तहत मास्टर प्लान में CMU-1, CMU-2 और CMU-3 मिश्रित उपयोग जोन निर्धारित किए गए हैं, जिनमें आवासीय और वाणिज्यिक मिश्रण मुख्य रूप से CMU-1 और CMU-2 जोन में लागू होगा।
इन क्षेत्रों में अधिक एफएआर (3 से 5) की अनुमति होगी और यहां हाईराइज विकास संभव है, बशर्ते सड़क की चौड़ाई पर्याप्त हो। यदि किसी कॉलोनी की मुख्य सड़क 24 मीटर या उससे अधिक चौड़ी है और उस पर वर्तमान में 4 मंजिला आवासीय इमारतें हैं, तो वहां नए फ्लैट्स, रिटेल शॉप्स, ऑफिस आदि को सम्मिलित करते हुए मिश्रित विकास किया जा सकेगा।