अगले 24 घंटों में इन जिलों में होगी मूसलाधार बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

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By Raj RathorePublished On: August 13, 2025

मध्य प्रदेश में मानसून एक बार फिर रफ्तार पकड़ चुका है, खासतौर पर पूर्वी क्षेत्रों में और पश्चिम के चुनिंदा हिस्सों में। बुधवार, 13 अगस्त 2025 को प्रदेश के कई जिलों में तेज और अच्छी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष अब तक राज्य की वार्षिक बारिश का लगभग 80% हिस्सा पूरा हो चुका है। पिछले 24 घंटों में उमरिया में लगभग ढाई इंच पानी बरसा, जबकि ग्वालियर और सीधी में आधा इंच वर्षा दर्ज की गई। इंदौर, पचमढ़ी, बालाघाट, सागर, रीवा, मंडला, डिंडौरी, सिवनी, मैहर और दमोह में हल्की बूंदाबांदी देखी गई। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि 15 अगस्त से एक शक्तिशाली वर्षा प्रणाली सक्रिय होगी, जिससे पूरे प्रदेश में तेज बारिश का नया दौर शुरू हो सकता है।

इन जिलों में अगले 24 घंटे भारी बारिश का अनुमान

मौसम विभाग ने सीहोर, हरदा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला और बालाघाट जिलों में अगले 24 घंटों में साढ़े चार इंच तक बारिश होने की संभावना जताई है। इन क्षेत्रों के निवासियों को सतर्क रहने और मौसम से जुड़ी चेतावनियों का पालन करने की सलाह दी गई है।

मौसम वैज्ञानिकों की राय

वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने जानकारी दी कि इस समय एक ट्रफ लाइन और चक्रवाती हवाओं का असर प्रदेश के मौसम को प्रभावित कर रहा है। साथ ही, 13 अगस्त से उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती परिसंचरण बनने की उम्मीद है, जिसके चलते अगले 24 घंटों में बारिश की तीव्रता और बढ़ सकती है।

प्रदेश में बारिश का आंकड़ा सामान्य से अधिक

बारिश के रिकॉर्ड बताते हैं कि पश्चिमी मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल और नर्मदापुरम संभाग में सामान्य से 22% अधिक वर्षा दर्ज की गई है। वहीं, पूर्वी मध्य प्रदेश के जबलपुर, सागर, शहडोल और रीवा संभाग में यह बढ़त 35% तक पहुंच गई है। कुल मिलाकर, प्रदेश में इस वर्ष सामान्य से 29% अधिक वर्षा हो चुकी है।

वार्षिक बारिश के लक्ष्य की स्थिति

मध्य प्रदेश की औसत वार्षिक वर्षा का लक्ष्य 37 इंच है। अब तक 29.7 इंच बारिश हो चुकी है, यानी लक्ष्य से सिर्फ 7.3 इंच कम है। इस साल औसत से 6.6 इंच अधिक पानी बरस चुका है, जो किसानों के लिए तो अच्छा संकेत है, लेकिन शहरी क्षेत्रों में जलभराव की दिक्कतें भी बढ़ा रहा है।

जिन जिलों ने पूरा किया लक्ष्य और जो पीछे हैं

ग्वालियर समेत 10 जिलों में वार्षिक वर्षा का लक्ष्य पहले ही पूरा हो चुका है। हालांकि, इंदौर और उज्जैन संभाग के कुछ जिलों में अब भी बारिश का स्तर लक्ष्य से कम है, जिससे यहां के किसानों को मानसून के अगले दौर का इंतजार है।