मध्य प्रदेश के नक्सल प्रभावित तीन जिलों बालाघाट, मंडला और डिंडोरी में युवाओं के लिए एक नई भर्ती योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत 595 गांवों के स्थानीय निवासियों को ‘विशेष सहयोगी बल’ के रूप में पुलिस विभाग से जोड़ा जाएगा। कुल 1000 पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। यह पहल न केवल क्षेत्र के युवाओं को रोज़गार का एक सशक्त अवसर प्रदान करेगी, बल्कि नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को भी और अधिक सुदृढ़ बनाएगी।
कैसे होगा चयन?
चयन प्रक्रिया के अंतर्गत इंटरव्यू के दौरान अभ्यर्थियों से उनके गांव और आसपास के क्षेत्र से जुड़ी जानकारियों पर आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे। इसका उद्देश्य यह परखना है कि उम्मीदवार अपने स्थानीय परिवेश और सामाजिक परिस्थितियों से भलीभांति परिचित हैं।
आवश्यक योग्यताएँ
इस भर्ती प्रक्रिया के तहत कुछ विशिष्ट पात्रता शर्तें तय की गई हैं। अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 5वीं पास निर्धारित की गई है, जबकि अन्य वर्गों के आवेदकों को कम से कम 8वीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है। शारीरिक दक्षता परीक्षण के माध्यम से अभ्यर्थियों की आधारभूत फिटनेस का मूल्यांकन किया जाएगा।
भर्ती का उद्देश्य ओर महत्व
यह भर्ती अभियान नक्सल प्रभावित इलाकों के युवाओं को रोजगार देने के साथ-साथ सुरक्षा व्यवस्था में सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर भी देता है। इसके माध्यम से न केवल क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि युवाओं को अपने गांव और समुदाय के विकास में योगदान देने का भी मौका मिलेगा। यह पहल सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।
सेवा के साथ सुविधाएं भी
भर्ती किए गए उम्मीदवारों को प्रति माह 25 हजार रुपये का मानदेय प्रदान किया जाएगा। साथ ही, उनके कार्य प्रदर्शन की समीक्षा हर छह महीने में की जाएगी। यदि प्रदर्शन अपेक्षित स्तर पर नहीं पाया गया, तो संबंधित उम्मीदवार की सेवा समाप्त की जा सकती है।
भर्ती के बाद एसपी कार्यालय में अनिवार्य एग्रीमेंट
चयनित उम्मीदवारों के साथ संबंधित कार्यालय में सेवा अनुबंध किया जाएगा। यदि वे एसपी या अन्य अधिकारियों द्वारा सौंपे गए दायित्वों का पूर्णतः पालन करते हैं, तो उनकी सेवाएं आगे भी जारी रखी जाएंगी।