बिहार SIR को लेकर तेजस्वी यादव का बड़ा बयान, बोले- सुप्रीम कोर्ट ने कहा वही, जो हम कहते आ रहे थे

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision/SIR) को लेकर सुप्रीम कोर्ट की हालिया सुनवाई ने राज्य की सियासत को एक बार फिर गरमा दिया है। कोर्ट द्वारा चुनाव आयोग से पूछे गए तीखे सवालों के बाद, राजद नेता तेजस्वी यादव ने इसे विपक्ष की नैतिक जीत बताते हुए, आयोग और नीतीश सरकार दोनों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

Dilip Mishra
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बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision/SIR) को लेकर सुप्रीम कोर्ट की हालिया सुनवाई ने राज्य की सियासत को एक बार फिर गरमा दिया है। कोर्ट द्वारा चुनाव आयोग से पूछे गए तीखे सवालों के बाद, राजद नेता तेजस्वी यादव ने इसे विपक्ष की नैतिक जीत बताते हुए, आयोग और नीतीश सरकार दोनों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। तेजस्वी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से सवाल पूछे और उनके पास कोई स्पष्ट जवाब नहीं था। यह दर्शाता है कि पूरी प्रक्रिया जल्दबाजी और पक्षपातपूर्ण तरीके से की जा रही है।

कोर्ट के आदेश का स्वागत

तेजस्वी ने कोर्ट की उस टिप्पणी का भी स्वागत किया, जिसमें आधार कार्ड, जॉब कार्ड, मनरेगा राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों को पहचान के वैकल्पिक माध्यम के तौर पर मान्यता देने का सुझाव दिया गया। हम पहले दिन से कह रहे थे कि सिर्फ कुछ दस्तावेजों के आधार पर लाखों लोगों के नाम मतदाता सूची से काटना न्याय और लोकतंत्र के खिलाफ है। उन्होंने इस मुद्दे को सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि जनहित और लोकतंत्र की मूल भावना से जुड़ा बताते हुए कहा कि यदि लोगों का मताधिकार छीना गया तो इसका असर सिर्फ चुनावों पर नहीं बल्कि सामाजिक विश्वास पर भी पड़ेगा।

कानून-व्यवस्था पर तीखा हमला

एसआईआर के अलावा तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी बड़ा हमला किया। उन्होंने बिहार की मौजूदा कानून-व्यवस्था को लेकर कहा- पूरा राज्य इस समय अराजकता की चपेट में है। हत्या, अपहरण, लूट जैसे मामले रोजाना बढ़ रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री को इसकी कोई चिंता नहीं है। वे सिर्फ कुर्सी बचाने की राजनीति में व्यस्त हैं। उन्होंने कहा कि आम लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, और शासन नाम की कोई चीज़ नहीं रह गई है।

सुप्रीम कोर्ट में कल हुई थी सुनवाई

एसआईआर और मतदाता सूची पुनरीक्षण पर कल सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। ये सुनवाई करीब चार घंटे से अधिक समय तक चला। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कई मुद्दों पर प्रकाश डाला। विपक्ष की ओर से दायर कुल 10 याचिकाओं पर सुनवाई हुई। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने बाद में ये कहा कि बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम पर रोक नहीं लगेगा। पुनरीक्षण का काम जारी रहेगा। हालांकि इस मामले पर आगे भी सुनवाई होगी।