‘शुद्ध मतदाता सूची, मजबूत लोकतंत्र की रीढ़’- मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार का संदेश

CEC बोले -पारदर्शी चुनाव के लिए फर्जी नामों की सफाई और डिजिटल सत्यापन जरूरी

Dilip Mishra
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'शुद्ध मतदाता सूची, मजबूत लोकतंत्र की रीढ़'- मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार का संदेश

भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने मंगलवार को देशभर में चुनावी पारदर्शिता को लेकर एक अहम संदेश दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि “शुद्ध और त्रुटिरहित मतदाता सूची” लोकतंत्र की नींव है और इसी से निष्पक्ष चुनाव की आधारशिला बनती है। CEC ने चुनाव प्रक्रिया में गुणवत्ता और ईमानदारी को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा कि फर्जी या डुप्लिकेट नाम लोकतंत्र की पारदर्शिता को गहरा आघात पहुंचा सकते हैं।

देशभर में चल रहा है विशेष पुनरीक्षण अभियान

मुख्य चुनाव आयुक्त का यह बयान ऐसे समय आया है जब देश के कई राज्यों, विशेषकर बिहार, में Special Intensive Revision (SIR) अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत डुप्लिकेट नामों की पहचान, मृत मतदाताओं के नाम हटाने, नए पात्र नागरिकों का पंजीकरण, और प्रवासी मतदाताओं के अपडेटेड डिटेल को सूची में शामिल करने पर फोकस किया गया है। CEC ने बताया कि आयोग का उद्देश्य केवल मतदाताओं की संख्या बढ़ाना नहीं, बल्कि वास्तविक और प्रमाणिक मतदाता पहचान सुनिश्चित करना है। इसके लिए स्थानीय स्तर से लेकर राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक निगरानी तंत्र सक्रिय है।

डिजिटल तकनीकों से आएगा बदलाव

ज्ञानेश कुमार ने जानकारी दी कि आयोग अब मतदाता सूची को शुद्ध और अद्यतन रखने के लिए आधार लिंकिंग, डिजिटल वेरिफिकेशन, और जिओ-टैगिंग जैसे तकनीकी उपायों को लागू कर रहा है। उन्होंने बताया कि इससे जहां फर्जी पते और दोहराव की पहचान में मदद मिलेगी, वहीं मतदाता की असली पहचान सुनिश्चित की जा सकेगी। एक गलत या फर्जी नाम पूरी लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर सकता है। इसलिए तकनीक के माध्यम से सूची की गुणवत्ता सुधारना हमारी प्राथमिकता है।

जनभागीदारी है सबसे अहम कड़ी

CEC ने यह भी जोड़ा कि मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाने में सिर्फ आयोग नहीं, बल्कि नागरिकों की भी अहम भूमिका है। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे अपने नाम, पते, उम्र आदि विवरणों की जांच करें और ज़रूरत पड़ने पर तुरंत सुधार कराएं। इसके अलावा CEC ने कहा कि शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में लोगों को मतदाता सूची के महत्व के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए, ताकि वे अपने अधिकारों और ज़िम्मेदारियों को लेकर सतर्क रहें।

लोकतंत्र की मजबूती में हर मतदाता का योगदान जरूरी

भारत जैसे विशाल लोकतंत्र में 16 करोड़ से ज्यादा नए मतदाताओं का जुड़ना यह दिखाता है कि युवा लोकतंत्र के प्रति जागरूक हैं। लेकिन यह जागरूकता तभी सार्थक होगी जब मतदाता सूची त्रुटिरहित हो। CEC का यह बयान साफ संकेत देता है कि आने वाले चुनावों में फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी जाएगी।