1370 करोड़ की लागत से इस राज्य में होगा फोरलेन हाईवे का निर्माण, स्थानीय लोगों को मिलेंगे रोजगार के नए अवसर

मध्य प्रदेश में ग्रीनफील्ड तकनीक से इंदौर-उज्जैन के बीच 1370 करोड़ की लागत से 48 किमी लंबा नया फोरलेन हाईवे बनाया जाएगा, जो ग्रामीण क्षेत्रों से होकर गुजरेगा। इससे यातायात सुगम होगा, धार्मिक और औद्योगिक स्थलों की कनेक्टिविटी बढ़ेगी और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

Srashti Bisen
Published:

मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश में सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को और अधिक आधुनिक तथा मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा और प्रभावशाली कदम उठाया है। अब राज्य के एक प्रमुख जिले में ग्रीनफील्ड तकनीक के अंतर्गत एक नया फोरलेन हाईवे बनाया जाएगा, जो मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों और खेतों से होकर गुजरेगा।

इस हाईवे के निर्माण से न केवल बेहतर यातायात व्यवस्था सुनिश्चित होगी, बल्कि ग्रामीण इलाकों में आर्थिक और सामाजिक विकास की भी नींव रखी जाएगी।

उज्जैन-इंदौर के बीच नया फोरलेन मार्ग

ग्रीनफील्ड तकनीक पर आधारित यह फोरलेन हाईवे उज्जैन और इंदौर को सीधे जोड़ने वाला एक नया वैकल्पिक मार्ग होगा। यह हाईवे पूरी तरह पेव्ड शोल्डर युक्त होगा और इसका मार्ग खेतों और गांवों से होकर गुजरेगा, जिससे वाहनों को बिना किसी रुकावट के सफर करने की सुविधा मिलेगी। इस आधुनिक मार्ग के निर्माण से ट्रैफिक जाम की समस्या का समाधान भी हो सकेगा, खासतौर पर वर्तमान में निर्माणाधीन सिक्स लेन मार्ग पर ट्रैफिक लोड बढ़ने की स्थिति में यह वैकल्पिक मार्ग के रूप में कार्य करेगा।

आर्थिक विकास और रोजगार के नए द्वार

यह फोरलेन इंदौर एयरपोर्ट के पास से आरंभ होकर सुपर कॉरिडोर, चिंतामण गणेश मार्ग, चंद्रावतीगंज, अजनोद, खजूरिया और हातोद जैसे कई गांवों से होकर सिंहस्थ बायपास तक पहुंचेगा। इसके निर्माण से न केवल श्रद्धालुओं को इंदौर एयरपोर्ट से महाकाल मंदिर तक मात्र 30 मिनट में पहुंचने की सुविधा मिलेगी, बल्कि पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र तक बेहतर संपर्क भी स्थापित होगा। इस मार्ग के कारण उज्जैन से इंदौर तक न केवल व्यवसायिक, बल्कि आवासीय विकास की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। ग्रामीण इलाकों में छोटे व्यवसायों, दुकानों और सेवाओं के विस्तार के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे।

1370 करोड़ की लागत से होगा निर्माण

इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की कुल लंबाई लगभग 48 किलोमीटर होगी, जिसे मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (MPRDC) द्वारा 1370 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत में विकसित किया जाएगा। इसके लिए प्रशासनिक मंजूरी मिल चुकी है और सर्वे का काम भी पूरा कर लिया गया है। निर्माण कार्य शुरू होने के बाद इंदौर, उज्जैन और पीथमपुर के यात्रियों और व्यापारियों को एक वैकल्पिक और तेज रफ्तार मार्ग मिलेगा, जिससे यात्रा का समय कम होगा और ट्रैफिक दबाव भी कम पड़ेगा।

भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रारंभ

फोरलेन हाईवे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। प्रशासनिक स्वीकृति के बाद सर्वेक्षण किया गया, और इसके आधार पर गांवों से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है। प्रारंभिक चरण में चांदमुख गांव से लगभग 5.123 हेक्टेयर भूमि ली जाएगी। यह कार्य पूरी तरह प्रशासनिक स्तर पर पारदर्शिता के साथ किया जा रहा है।

सिंहस्थ 2028 की तैयारी का अहम हिस्सा

आगामी सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए इंदौर-उज्जैन मार्ग को सिक्स लेन में बदला जा रहा है और साथ ही सिंहस्थ बायपास को फोरलेन में विकसित किया जा रहा है। यह रणनीतिक तैयारी न केवल धार्मिक आयोजन की सुविधा को ध्यान में रखती है, बल्कि भविष्य की ट्रैफिक आवश्यकताओं को भी पूरा करने में मदद करेगी। बेहतर सड़क नेटवर्क से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और आवागमन की सुविधा में उल्लेखनीय सुधार होगा।