अब नहीं सूखेगी MP की ये नदी, सालभर बहेगा पानी, तीन नए स्टॉप डैम से बदलेगी तस्वीर

भोपाल की सूखी पड़ने वाली कलियासोत नदी को सालभर बहती नदी में बदलने के लिए तीन स्टॉप डैम बनाए जाएंगे, जिससे 30 लाख घनमीटर पानी संचित होगा। इस परियोजना से नदी का पुनर्जीवन होगा।

Srashti Bisen
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भोपाल की कलियासोत नदी, जो अक्सर सूखी रहती थी, अब पूरे साल कल-कल करती बहने वाली है। जल-संसाधन विभाग ने नदी के पानी की निरंतरता बनाए रखने के लिए सर्वे शुरू कर दिया है। इस परियोजना के तहत नदी पर तीन प्रमुख स्टॉप डैम बनाए जाएंगे, जिससे पानी का संग्रहण होगा और नदी का बहाव सालभर लगातार बनेगा।

कलियासोत नदी पर बनने वाले तीन स्टॉप डैम, जो सर्वधर्म पुल, जेके अस्पताल पुल, और दानिश कुंज ब्रिज के पास प्रस्तावित हैं, इस नदी को हमेशा बहने वाली नदी में बदल देंगे। इन डैमों के निर्माण से लगभग 30 लाख घनमीटर पानी जमा किया जा सकेगा, जिससे नदी में 8 किलोमीटर तक पानी बना रहेगा। इसके साथ ही, नदी का बहाव भोजपुर से मिसरोद तक 17 किमी क्षेत्र में विस्तृत होगा।

तीन नए डैम से बदलेगी तस्वीर

रिवर डेवेलपमेंट के इस प्रोजेक्ट को गुजरात की साबरमती नदी की तर्ज पर विकसित किया जाएगा, जिससे नदी के आस-पास का क्षेत्र भी बेहतर तरीके से विकसित होगा। इस प्रक्रिया से नदी में पानी का प्रवाह बढ़ेगा और यह पर्यावरणीय दृष्टि से भी लाभकारी होगा।

हालांकि, नदी के रास्ते में कुछ समस्या भी मौजूद है। शाहपुरा, टीटी नगर, मैनिट, और चूनाभट्टी जैसे इलाकों से सीवेज का गंदा पानी नदी में मिल रहा है, जिससे नदी का पानी प्रदूषित हो रहा है। इसके अलावा, औद्योगिक क्षेत्रों और मिसरोद से भी गंदा पानी नदी में मिल रहा है। यह समस्या भविष्य में परियोजना की सफलता के लिए चुनौती बन सकती है, और इसे सही तरीके से नियंत्रित किया जाना जरूरी होगा।

नदी के पुनर्जीवन की उम्मीद

यह परियोजना नदी के पुनर्जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। जैसे ही इन तीन स्टॉप डैमों का निर्माण होगा, कलियासोत नदी की स्थिति में बदलाव आएगा, और यह नदी जीवनदायिनी बनकर पूरे साल बहती रहेगी। इससे शहर में जलवायु और पर्यावरणीय स्थिति में भी सुधार होगा।