एमपी के इन 5 जिलों की जमीन पर बनेगा महानगर, तैयार हुआ विकास का ब्लूप्रिंट

भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन (BMR) के रूप में भोपाल समेत मध्यप्रदेश के पाँच जिलों को मिलाकर 8791 वर्ग किमी क्षेत्र में एक नया शहरी विकास क्षेत्र बनाया जा रहा है। इस क्षेत्र को 75 लाख आबादी के लिए विकसित करने की योजना है, जिसमें सेटेलाइट टाउन, पर्यटन सर्किट और आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर शामिल होंगे।

Srashti Bisen
Published:

भोपाल सहित मध्यप्रदेश के पांच प्रमुख जिलों को मिलाकर एक नया भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन (BMR) आकार ले रहा है, जिसका प्राथमिक नक्शा तैयार कर लिया गया है। इस प्रस्तावित क्षेत्र का कुल विस्तार 8791 वर्ग किलोमीटर होगा, जो लगभग आठ लाख 79 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि को समाहित करेगा।

इस क्षेत्र को 75 लाख की अनुमानित आबादी के लिए विकसित करने की योजना है, जिसमें भोपाल जिले के वर्तमान जनसंख्या घनत्व 855 व्यक्ति प्रति हेक्टेयर को आधार बनाया गया है।

दस लाख रुपए का प्रारंभिक बजट 

भोपाल विकास प्राधिकरण (BDA) ने इस योजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार कराने के लिए शुरुआती चरणों की शुरुआत कर दी है। इसके लिए दस लाख रुपए का प्रारंभिक बजट तय किया गया है और इस माह के अंत तक कंसल्टेंट फर्म का चयन कर लिया जाएगा। कंसल्टेंट को 14 माह के भीतर विस्तृत योजना तैयार करनी होगी, जो भविष्य के विकास की नींव रखेगी।

इन जिलों के क्षेत्र होंगे शामिल

इस मेट्रोपॉलिटन रीजन में भोपाल के साथ-साथ आस-पास के चार अन्य जिलों के विभिन्न क्षेत्र सम्मिलित होंगे:

  • भोपाल: हुजूर, बैरसिया, कोलार
  • रायसेन: रायसेन, औबेदुल्लागंज
  • विदिशा: विदिशा, ग्यारसपुर, गुलाबगंज
  • सीहोर: सीहोर, इछावर, आष्टा, श्यामपुर, जावर
  • राजगढ़: नरसिंहगढ़, जीरापुर, ब्यावरा, पिछोर, खूजनेर

शहरी विस्तार और टूरिज्म हब

इस क्षेत्र में सेटेलाइट टाउन के रूप में नए आवासीय हब विकसित किए जाएंगे, जो मुख्य शहर पर बोझ कम करेंगे और आबादी को सुनियोजित तरीके से बसाया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों को भी विशेष रूप से आवासीय विकास के लिए चुना जाएगा, जिससे संतुलित नगरीकरण संभव हो सकेगा। कार्यस्थलों तक पहुंच के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट को आधुनिक बनाया जाएगा।

साथ ही, इस रीजन में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नए टूरिस्ट सेंटर्स और सर्किट्स चिन्हित किए जाएंगे, जो न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देंगे, बल्कि राज्य के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों को भी उभारेंगे।

समावेशी विकास की रणनीति

भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन की योजना में निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा:

  • क्षेत्रीय विकास आधारित योजनाएं
  • इंटर-डिस्ट्रिक्ट कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करना
  • विकास केंद्र (Growth Centers) की पहचान
  • सेटेलाइट टाउन के लिए स्थान तय करना
  • टूरिस्ट सर्किट्स की मैपिंग
  • पर्यावरणीय प्रबंधन और हरित क्षेत्र संरक्षण
  • उपजाऊ कृषि भूमि की सुरक्षा
  • इंफ्रास्ट्रक्चर पर केंद्रित कैपिटल इन्वेस्टमेंट प्लान (सड़कों, नालों, जनसुविधाओं और सेवाओं के लिए)

नए स्वरूप की ओर बढ़ता भोपाल

इस प्रोजेक्ट के माध्यम से भोपाल न केवल अपने शहरी स्वरूप को नया आयाम देगा, बल्कि इसके आस-पास के जिलों को भी समावेशी और टिकाऊ विकास का अवसर मिलेगा। बेहतर नियोजन और सुव्यवस्थित विस्तार से भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन आने वाले वर्षों में मध्यप्रदेश के विकास का मॉडल बन सकता है।