इंदौर में जलसंकट, नर्मदा के तीन चरणों के बाद भी टैंकरों के सहारे जी रहा शहर

इंदौर में जलसंकट गंभीर हो गया है, जहां नल और बोरवेल से पानी की आपूर्ति घट गई है और टैंकरों पर निर्भरता बढ़ी है, जिससे मध्यमवर्गीय परिवारों का बजट प्रभावित हो रहा है। हालांकि नर्मदा से 450 एमएलडी पानी आता है, फिर भी जलसंकट के कारण शहर की टंकियां पर्याप्त जल संचय नहीं कर पा रही हैं।

Abhishek Singh
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इंदौर में तेज़ गर्मी के साथ जलसंकट भी गंभीर चिंता का कारण बन गया है। नलों में पानी की आपूर्ति कम हो गई है, और बोरवेल से भी अब कम दबाव में पानी निकल रहा है। शहर के अधिकांश इलाकों में जलापूर्ति के लिए टैंकरों पर निर्भरता बढ़ गई है। निजी टैंकरों से पानी मंगवाने के कारण मध्यमवर्गीय परिवारों का बजट भी प्रभावित हो रहा है।

इंदौर में नर्मदा के तीन चरणों से प्रतिदिन 450 एमएलडी से अधिक पानी की आपूर्ति होती है, फिर भी मई आते-आते जलसंकट की स्थिति गहराने लगी है। शहर की 40 से अधिक टंकियां पर्याप्त मात्रा में नहीं भर पा रहीं, जिससे नलों में जल आपूर्ति की अवधि भी सीमित हो गई है।

पानी की किल्लत के पीछे का कारण

शहर को प्रतिदिन 30 एमएलडी पानी यशवंत सागर से प्राप्त होता है, लेकिन गर्मियों में तालाब का जलस्तर घटने लगता है। ऐसे में पश्चिमी क्षेत्रों में भी नर्मदा जल आपूर्ति की जाती है, जिससे जलूद से इंदौर तक निर्धारित 450 एमएलडी पानी की आपूर्ति में बाधा उत्पन्न होती है।

गर्मियों में पानी की मांग में भी उल्लेखनीय वृद्धि हो जाती है। वर्तमान में इंदौर में जल की मांग 500 एमएलडी तक पहुंच चुकी है, लेकिन आपूर्ति इस स्तर तक नहीं हो पा रही है।

अनुमान के अनुसार, इंदौर में दो लाख से अधिक निजी बोरवेल मौजूद हैं। सामान्यतः इनसे वर्षभर जल आपूर्ति होती रहती है, लेकिन गर्मियों में जल स्तर घटने पर जब ये बोरवेल सूखने लगते हैं या पानी देना बंद कर देते हैं, तो नगर निगम पर जल आपूर्ति का अतिरिक्त दबाव बढ़ जाता है।

शहर के तालाबों से आसपास के क्षेत्रों में भूजल स्तर सामान्य रूप से ऊंचा बना रहता है, लेकिन गर्मियों में जब ये तालाब सूखने लगते हैं, तो संबंधित इलाकों में बोरवेल से जल आपूर्ति भी प्रभावित होने लगती है।

450 टैंकरों पर टिकी शहर की जल आपूर्ति

नगर निगम ने जल वितरण के लिए 400 टैंकर किराए पर ले रखे हैं, जबकि 50 टैंकर नगर निगम के स्वामित्व में हैं। शहर के 85 वार्डों में सुबह और शाम टैंकरों के माध्यम से पानी वितरित किया जा रहा है। बस्तियों में छोटे टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जा रही है, जो नर्मदा की टंकियों से जल प्राप्त करते हैं। इसके कारण, जब सुबह जल आपूर्ति होती है, तो घरों तक नलों से पानी कम पहुंच रहा है। हर वार्ड में दो से पांच टैंकर पार्षदों को जल वितरण के लिए दिए गए हैं, और बड़े क्षेत्रफल वाले वार्डों को अधिक टैंकर प्रदान किए गए हैं।

वितरण के लिए मजबूत नेटवर्क

शहर में जल वितरण का नेटवर्क सुदृढ़ है, और गर्मी में पानी की मांग बढ़ने के कारण टैंकरों के माध्यम से भी जल वितरण किया जा रहा है। नर्मदा से पर्याप्त मात्रा में पानी प्राप्त हो रहा है, और शहर के अधिकांश इलाकों में प्रतिदिन नल जल उपलब्ध हो रहा है।– पुष्य मित्र भार्गव, मेयर