Rain Alert : अप्रैल की शुरुआत से ही उत्तर प्रदेश में चिलचिलाती धूप और लू लोगों को बेहाल कर रहे हैं। राजधानी लखनऊ से लेकर राज्य के कोने-कोने में लोग इस गर्मी से परेशान हैं। लेकिन अब मौसम विभाग ने राहत की खबर दी है, जिसे सुनकर लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिल सकती है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, 8 अप्रैल से लेकर 11 अप्रैल तक उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बारिश हो सकती है। इसका मतलब यह है कि अगले कुछ दिनों में तपती गर्मी से राहत मिलने वाली है, क्योंकि बारिश के कारण तापमान में गिरावट आएगी और लू के थपेड़े भी थम जाएंगे। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, यह राहत पश्चिमी विक्षोभ के कारण मिलने वाली है।

पश्चिमी विक्षोभ होगा सक्रिय
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में मौसम के मिजाज को बदलने वाला है। यह विक्षोभ उत्तर प्रदेश पर भी असर डालेगा, जिससे प्रदेश में 8 अप्रैल से बारिश की गतिविधियाँ शुरू होंगी। इस दौरान राज्य के विभिन्न हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, जिससे गर्मी में थोड़ी कमी आएगी और वातावरण में ठंडक का अहसास होगा।
इन जिलों में होगी बारिश (Rain Alert)
मौसम विभाग के मुताबिक, गोरखपुर, बरेली, मेरठ, लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, नोएडा, मथुरा, आगरा, झांसी, फतेहपुर, रायबरेली और सुल्तानपुर जैसे प्रमुख शहरों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ बौछारें भी पड़ सकती हैं। इस बारिश से राज्यवासियों को न केवल तापमान में राहत मिलेगी, बल्कि गर्मी और लू की मार से भी राहत मिलेगी।
मौसम विभाग ने यह भी कहा है कि 6 और 7 अप्रैल को राज्य का अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। हालांकि, 8 अप्रैल से तापमान में गिरावट शुरू हो जाएगी, और अगले कुछ दिन मौसम ठंडा और नम रहेगा। इस बदलाव से गर्मी से बेहाल लोग राहत महसूस करेंगे।
किसानों के लिए महत्वपूर्ण सलाह
बारिश राहत लाने के साथ-साथ किसानों के लिए एक चुनौती भी हो सकती है। मौसम विभाग और कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को कुछ महत्वपूर्ण सलाह दी है:
- गेहूं और सरसों की कटाई जल्दी पूरी करें: यदि फसलें तैयार हो चुकी हैं, तो जल्द से जल्द उनकी कटाई करें या उन्हें सुरक्षित स्थान पर रख लें।
- पहले से कट चुकी फसलों को ढककर रखें: बारिश से फसलों को बचाने के लिए उन्हें तुरंत ढक लें।
- बरसात के दौरान खेतों में न जाएं: बारिश के दौरान बिजली गिरने की संभावना रहती है, इसलिए खेतों में न जाएं।
- अगली फसल चक्र के लिए तैयारी करें: वर्षा के बाद भूमि में नमी बढ़ेगी, जिसका लाभ अगली फसल की बुवाई के लिए उठाया जा सकता है।