ऐसा लगता है कि इंदौर में प्रशासनिक मशीनरी को पूरी तरह से चौपट करके इसे पैसा कमाने का एक माध्यम बना दिया गया है नियम कानून कायदे की धज्जियां उड़ती है , इंदौर के बायपास पर हो रहे अवैध निर्माणों की बात की जाए तो पता चलता है कि यहां पर बड़ी संख्या में अवैध निर्माण किए गए और उन्हें नगर निगम तथा टीएनसीपी डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने अनुमति भी प्रदान कर दी और अब जब नगर निगम की आयुक्त प्रतिभा पाल द्वारा इन अवैध निर्माणों को लेकर आपत्ति उठाई गई तो टीएनसीपी डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने यहां दी गई 22 से अधिक अनुमतियां निरस्त कर दी ।
अब सवाल इस बात का उठता है कि जब ये पनिर्माण हो रहे थे और पता था कि यह अवैध निर्माण हैं तो फिर यह अनुमति कैसे जारी कर दी गई ? जाहिर है कि इसमें प्रशासनिक मशीनरी का भरपूर दुरुपयोग किया गया अवैध अनुमति देने वाले अधिकारियों द्वारा जमकर पैसा बनाया गया और सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाई गई । याने अधिकारी दोनों तरफ मजे में रहे अब जबकि अवैध निर्माण सामने आ चुके हैं तो उनके तोड़ने के लिए अनुमति तक निरस्त कर दी गई है जिनके अवैध निर्माण हैं उन्हें तो तोड़ने की सजा मिलेगी और जुर्माना भी भरना पड़ेगा पर अधिकारियों का क्या होगा जिन्होंने अवैध निर्माण की अनुमति थी क्या उनके खिलाफ निलंबन की कार्यवाही नहीं की जानी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि निगम द्वारा बायपास के समानांतर किये गये निर्माण का सर्वे किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत कंटेनमेंट एरिये से 45 मीटर के अंदर बने अवैध निर्माण एवं नगर निगम की बिना अनुमति किये गये निर्माण बड़ी संख्या में सामने आए ।निर्धारित उपयोग से पृथक उपयोग की गतिविधियां की जा रही है एवं टाउन एंड कंट्री प्लानिंग द्वारा 22 अनुमतियां चिंहाकित कर उनकी अनुमतियों को निरस्त/ स्थगित किया गया। ऐसे निर्माणो को निगम द्वारा नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 एवं भूमि विकास नियम 2012 के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी। इस बात का दावा नगर निगम द्वारा किया गया है ।
अर्जुन राठौर