देश की अर्थव्यवस्था के संचालन में, देश की जनसंख्या की अहम् भूमिका होती है

Share on:

देवेन्द्र बंसल/सामाजिक ,विचारक व कवि

भारत देश ,माँ भारती की संस्कारित ,समर्पित भाव की ,भूमि है ,यह तपस्वी ऋषि मुनियो से जाग्रत ,कल कल बहती माँ गंगा जमुना की पावन भूमि है । देश की अर्थव्यवस्था के संचालन में ,देश की जनसंख्या की अहम् भूमिका होती है ।राष्ट्र का विकास व उन्नत ,प्रगतिशील बनाने हेतु देश भी इस पर विचार कर रहा है ।जनसंख्या जिस तरह बढ़ रही है ,उससे संसाधनों की कमी राष्ट्र में हो जाएगी । जनसंख्या वृद्धि वेबसाइट वर्ल्डोमीटर के अनुसार 2021 में भारत की जनसंख्या लगभग 139 करोड़ हो चुकी है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या के रिपोर्ट के अनुसार भारत की आबादी 1.21 अरब यानी 121 करोड़ है। अभी चीन दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है । भारत सबसे अधिक आबादी वाला दुनिया का दूसरा देश हैं. ।इस पर हम सबको सोचना होगा ।

नई पौध के उज्ज्वल भविष्य ,उनका लालन पालन करना ,परिवार के लिए भविष्य में मुश्किल भरा होगा । “मेरा राष्ट्र मेरा सविंधान ,एक रहेगा भारत देश “ इसका अनुसरण करना होगा ।प्रगतिशील देशों के समकक्ष और विश्व गुरु की और बढ़ते कदम को दृष्टिगत रखते हुए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय देशहित में लेने होगे ।तभी हम आने वाले कल की पारिवारिक जिम्मेदारीपूर्ण तरीक़े से निभा सकेंगे, फिर वह किसी भी जाती धर्म का क्यूँ ना हो ।

अभी हाल ही में महामारी के विकट संकट से देश जूझ रहा है ,बड़ी जनसंख्या होने से संसाधन जुटाने में ,अन्य राष्ट्र की तुलना में हमें ज़्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा ।वही करोड़ों लोगों को वेक्सिन अतिशीघ्र लगाया जाना सरल नही है ।अतः राष्ट्र के समस्त नागरिकों को सोचना होगा आने वाला कल कैसा हो हमारे बच्चों का कल कैसा हो ।सभी सुविधाएँ हमें सरकार से मिल सके उसमें भी परेशानी होगी ।सरकार को भी गम्भीरता से विचार कर नागरिकों से पालन कराना होगा ।जिससे संसाधनों की कमी देश में ना हो ।
वर्तमान समय यानी 2021 की बात करे तो दुनिया की आबादी 777 करोड़ (7.7 अरब) के पार पहुँच चुकी है।

अब हमें छोटे परिवार को ही आदर्श परिवार के रूप में हमें स्वीकारना होगा। दुनिया में मनुष्य की जनसंख्या हर साल लगभग 8.3 करोड़ बढ़ती जा रही है ।११ जुलाई विश्व जनसंख्या दिवस है ।
इन परिस्थितियों में माँ भारती के एक एक लाल को सोचना होगा ,प्रण करना होगा ,जीवन को आर्थिक ,सामाजिक ,वैश्विक रूप से शक्तिशाली बनाने का दायित्व हमारा है । आओ हम सब देश का साथ दे ।
“”राष्ट्र प्रगति की अलख जगाना होगी
नई मंज़िल नई राह हमें बनानी होगी
सामाजिक पारिवारिक ख़ुशहाली की
जगमग रोशनी देश में देवेन्द्र करनी होगी “”