Indore Breaking : इंदौर में भाजपा पार्षद जीतू यादव और कमलेश कालरा के बीच हुए विवाद ने राजनीति में तूल पकड़ लिया है, जिसके कारण प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी इस मामले पर जानकारी मांगी है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, जीतू यादव ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को एक इस्तीफा सौंपा। इस्तीफे में उन्होंने लिखा, “मैं भाजपा का समर्पित कार्यकर्ता हूं और मेरे परिवार व जाटव समाज का पार्टी से गहरा रिश्ता है।”
उन्होंने आगे कहा कि कुछ दिन पहले पार्टी के एक साथी पार्षद के परिजनों के साथ घटित दुखद घटना में उनका नाम घसीटकर पार्टी को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने इस मामले में अपनी पूरी स्थिति को शहर अध्यक्ष के सामने रखा और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
जीतू यादव ने कहा कि वह नहीं चाहते कि उनके कारण पार्टी को कोई असहज स्थिति का सामना करना पड़े, इसलिए उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और एमआईसी से इस्तीफा देने का निर्णय लिया। उन्होंने विश्वास जताया कि पार्टी उनके साथ न्याय करेगी और यह पूरा मामला उनके पक्ष में हल होगा।
मानव अधिकार आयोग और पीएमओ का हस्तक्षेप
इस मामले के बाद मानव अधिकार आयोग ने पुलिस कमिश्नर से जांच कर रिपोर्ट तलब की है। आयोग ने तीन सप्ताह में घटना की पूरी जांच करने का निर्देश दिया है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने भी इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि पीएमओ के दखल के बाद यह इस्तीफा दिया गया।
पीएमओ की दखलअंदाजी के बाद दिया इस्तीफा
सूत्रों के मुताबिक, पीएमओ की दखलअंदाजी के बाद जीतू यादव ने पार्टी से इस्तीफा दिया। खबरों के अनुसार, पुलिस भी अब जीतू यादव के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रही है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि यह स्थिति पार्टी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रही है और यह गलत परंपरा शुरू की जा रही है।
पार्षद कालरा के घर पर हमला
मामला इंदौर के पार्षद कालरा के घर पर हुए हमले से जुड़ा हुआ है। पिछले शुक्रवार को 50 से ज्यादा बदमाशों ने कालरा के घर पर हमला किया था। कालरा ने इस हमले के लिए जीतू यादव पर आरोप लगाए। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और सीसीटीवी फुटेज से 12 आरोपियों की पहचान की। इनमें से 6 को गिरफ्तार भी किया गया।पुलिस ने यह भी बताया कि अब तक जीतू यादव पर कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है, और किसी आरोपी ने भी उनका नाम नहीं लिया है। हालांकि पुलिस मामले में यादव की भूमिका की जांच कर रही है। पुलिस ने उनकी क्राइम कुंडली भी खंगाली है, जिसमें 1999 से लेकर 2019 तक 11 आपराधिक मामलों का रिकॉर्ड पाया गया है। इनमें से अधिकांश मामले परदेशीपुरा और संयोगितागंज थाने में दर्ज किए गए हैं।