आपने शायद कभी नहीं सोचा होगा कि दुनिया में जन्म लेने वाला हर व्यक्ति एक कर्जदार बनता है, लेकिन यह सच है। अगर दुनिया के कुल कर्ज को उसकी आबादी में बांट दिया जाए, तो हर व्यक्ति पर लगभग 11 लाख रुपए का कर्ज आता है। एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया पर कुल कर्ज 102 ट्रिलियन डॉलर (8,67,53,95,80,00,00,001 रुपए) हो चुका है, जबकि ग्लोबल जीडीपी 110 ट्रिलियन डॉलर के करीब है।
ग्लोबल कर्ज का खतरनाक स्तर
इस समय दुनिया का कर्ज ग्लोबल जीडीपी का लगभग 93 प्रतिशत है, जो कि काफी चिंताजनक है। इस आंकड़े से साफ जाहिर होता है कि कई देशों ने अपनी कुल जीडीपी से भी ज्यादा कर्ज ले लिया है। इसके अलावा, कुछ बड़े देश कर्ज के बोझ के कारण डिफॉल्ट के कगार पर भी पहुंच चुके हैं।
हर व्यक्ति पर 11 लाख रुपए का कर्ज
अगर इस कर्ज को दुनिया की 8.2 बिलियन (820 करोड़) की आबादी में बराबर बांट दिया जाए, तो हर व्यक्ति पर 11 लाख रुपए का कर्ज आएगा। यह आंकड़ा औसत पर आधारित है, लेकिन असल में कर्ज का बोझ हर देश और व्यक्ति पर अलग-अलग होगा। कई देशों में तो एक व्यक्ति की पूरी जिंदगी की कमाई भी इस कर्ज से कम हो सकती है। ऐसे में 11 लाख रुपए का कर्ज एक खतरनाक आंकड़ा है।
कर्ज में सबसे आगे हैं ये देश
- अमेरिका: दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, अमेरिका पर सबसे ज्यादा कर्ज है, जो करीब 36 ट्रिलियन डॉलर है, यानी इसके कुल जीडीपी का 125 प्रतिशत।
- चीन: दूसरे नंबर पर चीन है, जिसके ऊपर 14.69 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज है, जो वैश्विक कर्ज का 16.1 प्रतिशत है।
- जापान: तीसरे स्थान पर जापान है, जो 10.79 ट्रिलियन डॉलर के कर्ज के साथ ग्लोबल डेट का 10 प्रतिशत हिस्सेदार है।
- ब्रिटेन: ब्रिटेन पर 3.46 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज है, जो ग्लोबल कर्ज का 3.6 प्रतिशत है।
- फ्रांस और इटली: फ्रांस पर 3.35 ट्रिलियन डॉलर और इटली पर 3.14 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज है।
भारत का कर्ज: सातवें स्थान पर
भारत, जो दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, इस कर्ज की सूची में सातवें स्थान पर है। भारत पर 3.057 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज है, जबकि भारत की कुल जीडीपी 3.7 ट्रिलियन डॉलर है। हालांकि यह कर्ज भारत की जीडीपी से कम है, फिर भी उभरती हुई अर्थव्यवस्था के लिए यह भारी बोझ है। भारत का ग्लोबल कर्ज में हिस्सा लगभग 3.2 प्रतिशत है।
कुछ देशों पर कम कर्ज
दुनिया के कुछ देश ऐसे हैं जिन पर कर्ज का बोझ कम है, जैसे कि इराक, चिली, चेक गणराज्य, वियतनाम, हंगरी, यूएई, बांग्लादेश, यूक्रेन, ताइवान, रोमानिया, नॉर्वे, स्वीडन, कोलंबिया, आयरलैंड, और फिनलैंड। इन देशों पर कर्ज की रकम वैश्विक कर्ज में बहुत कम हिस्सेदारी है।
पाकिस्तान, जो इन देशों में शामिल है, का कर्ज वैश्विक कर्ज में केवल 0.3 प्रतिशत का हिस्सा है। हालांकि, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए यह भी एक बड़ी चुनौती है।