इंदौर में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) के अभ्यर्थियों ने अपनी मांगों को लेकर पिछले कुछ दिनों तक जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में शामिल छात्रों ने राज्य सरकार से अपनी समस्याओं का समाधान करने की अपील की थी। इस दौरान बिना अनुमति के भीड़ इकट्ठा करने और प्रदर्शन करने के आरोप में शहर के दो प्रमुख थानों में एफआईआर दर्ज की गई है।
प्रदर्शन में शामिल छात्रों पर कार्रवाई
इंदौर शहर के भंवरकुआ पुलिस थाना और संयोगितागंज पुलिस थाना में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने 18 दिसंबर को दीन दयाल गार्डन, भोलाराम उस्ताद मार्ग पर बिना अनुमति के धरना प्रदर्शन करने और भीड़ इकट्ठा करने का आरोप लगाया। जिन पर कार्रवाई की गई है, उनमें राधे जाट, रंजीत किशन वंशी, प्रशांत राजावत, गोपाल प्रजापति, अरविंद भदौरिया, कुलदीप सरकार सहित अन्य प्रदर्शनकारी शामिल हैं।
कोचिंग संचालकों को भी आरोपी बनाया गया
इस मामले में इंदौर के कई कोचिंग सेंटरों के संचालकों को भी आरोपी बनाया गया है। जिन पर आरोप है कि उन्होंने छात्रों को इकट्ठा करने और बिना अनुमति के प्रदर्शन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। आरोपियों में नयापार कोचिंग के संचालक अरविंद भदौरिया, हिंद एकेडमी के संचालक सुरेंद्र जादौन, आएएस कोचिंग संचालक, सत्यमेंव कोचिंग संचालक, कैंपस स्केअर कोचिंग संचालक, सिद्धी लाइब्रेरी के संचालक और रुचि वर्धन पाठशाला के संचालक शामिल हैं।
CM से मिलने के बाद प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई
प्रदर्शन समाप्त होने के बाद छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मिलने गया था। हालांकि, इसके बाद भी राधे जाट और कुलदीप सरकार सहित अन्य प्रदर्शनकारियों पर मामला दर्ज किया गया। इन दोनों पर भी मुख्यमंत्री से मिलने के बाद धरना प्रदर्शन में शामिल होने का आरोप लगाया गया।
89 घंटे तक चले प्रदर्शन में हजारों छात्र शामिल हुए
यह प्रदर्शन करीब 89 घंटे तक चला, जिसमें प्रदेशभर से दो हजार से अधिक छात्रों ने भाग लिया। इस दौरान दो अभ्यर्थी गुरुवार रात से आमरण अनशन पर भी बैठे थे। छात्रों का यह प्रदर्शन एमपीपीएससी से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने और परीक्षा की पारदर्शिता की मांग को लेकर किया गया था।
पुलिस की कार्रवाई और प्रतिबंधात्मक धाराएं
पुलिस ने इस मामले में प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत कार्रवाई की है, जो बिना अनुमति के भीड़ इकट्ठा करने और सार्वजनिक स्थानों पर धरना प्रदर्शन करने पर लागू होती हैं। पुलिस के अनुसार, इस तरह के आयोजनों से शहर में कानून व्यवस्था को खतरा हो सकता है, इसीलिए कार्रवाई की गई है।