How to Check Real Diamond : हाल के वर्षों में लैब में बने डायमंड का व्यापार तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन उपभोक्ताओं के बीच प्राकृतिक और सिंथेटिक डायमंड को लेकर भ्रम बना हुआ है। चूंकि दोनों में बाहरी रूप से कोई बड़ा अंतर नहीं होता, इसलिए उपभोक्ताओं के लिए यह जानना मुश्किल हो जाता है कि वे कौन सा उत्पाद खरीद रहे हैं। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने हाल ही में एक अहम निर्णय लिया है और लैब में बने डायमंड की पहचान को लेकर नई गाइडलाइंस लाने का प्रस्ताव किया है।
नई गाइडलाइंस का उद्देश्य
सरकार की नई गाइडलाइंस का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को यह सुनिश्चित करने में मदद करना है कि वे लैब में बने डायमंड और प्राकृतिक डायमंड के बीच का फर्क आसानी से पहचान सकें। इस दिशा में, कंपनियों को अपने उत्पादों की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कुछ नई जिम्मेदारियाँ दी जाएंगी।
प्रमुख निर्देश:
- कंपनियों को अपने डायमंड उत्पाद के बारे में स्पष्ट जानकारी देनी होगी, खासकर उनके लेबल पर।
- डायमंड के उत्पाद की उत्पत्ति (कहाँ से आया है और कैसे बना है) का विवरण देना अनिवार्य होगा।
- उपभोक्ताओं को एक प्रमाणपत्र के माध्यम से यह जानकारी दी जाएगी कि उनका खरीदी गया डायमंड सिंथेटिक है या प्राकृतिक।
इस कदम का उद्देश्य उपभोक्ताओं को भ्रम से बचाना है, ताकि वे सही निर्णय ले सकें और बाजार में अधिक पारदर्शिता बनी रहे।
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“नेचुरल” शब्द पर प्रतिबंध
सरकार ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कंपनियों को आदेश दिया है कि वे अपने लैब में बने डायमंड्स के लिए “नेचुरल” शब्द का इस्तेमाल न करें। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि उपभोक्ताओं को यह भ्रम न हो कि उन्हें एक प्राकृतिक डायमंड मिल रहा है, जबकि वह दरअसल लैब में निर्मित एक सिंथेटिक डायमंड हो सकता है।
यह नियम उपभोक्ताओं के हित में है, ताकि वे पूरी जानकारी के साथ अपने खरीदारी निर्णय लें और धोखाधड़ी से बच सकें।
एक्रीडिटेशन सिस्टम का प्रस्ताव
सरकार ने लैब डायमंड बनाने वाली कंपनियों के लिए एक एक्रीडिटेशन सिस्टम (स्वीकृति प्रणाली) भी लागू करने का प्रस्ताव रखा है। इस प्रणाली के तहत कंपनियों को एक मानक प्रक्रिया का पालन करना होगा, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके उत्पाद की गुणवत्ता और वास्तविकता सही है।
एक्रीडिटेशन प्रक्रिया:
- कंपनियों को मान्यता प्राप्त संस्थाओं से प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा।
- इस प्रणाली से उपभोक्ताओं को विश्वास मिलेगा कि जो डायमंड वे खरीद रहे हैं, वह उच्च गुणवत्ता का और सही जानकारी के साथ है।
नई गाइडलाइंस और एक्रीडिटेशन सिस्टम के लागू होने से बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी। उपभोक्ताओं को सही जानकारी मिलेगी, जिससे वे बिना किसी भ्रम के अपनी खरीदारी कर सकेंगे। यह कदम उद्योग में विश्वास को भी बढ़ाएगा और धोखाधड़ी की संभावनाओं को कम करेगा।
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