Potato Real or Fake : आजकल बाजार में बिक रहे आलू का एक नया रूप सामने आया है, जिसमें व्यापारियों की मुनाफाखोरी के चलते पुराने आलू को खतरनाक केमिकल से बदलकर उसे ‘नया’ दिखाने का तरीका अपनाया जा रहा है। हाल ही में, आलू के दाम में अचानक बढ़ोतरी हुई है, और बाजार में 40 रुपये किलो बिकने वाला आलू अब 60 रुपये किलो में मिल रहा है। व्यापारियों का कहना है कि पुराने आलू को अमोनिया केमिकल से ट्रीट कर उसे नया रूप दे दिया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान न सिर्फ आलू का रंग और आकार बदलता है, बल्कि उसका वजन भी बढ़ जाता है, जिससे व्यापारियों को ज्यादा मुनाफा हो रहा है। हालांकि, यह प्रक्रिया जनता की सेहत के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है।
नकली और असली आलू में अंतर
व्यापारी बताते हैं कि असली नया आलू हमेशा मिट्टी में लिपटा होता है, और उसे पानी में डालने पर मिट्टी आसानी से नहीं उतरती। जबकि केमिकल से तैयार आलू को पानी में डालते ही उसकी सतह से मिट्टी आसानी से निकल जाती है। यह आलू को पहचानने का एक मुख्य तरीका है। बावजूद इसके, दुकानदार इस अंतर को जानकर भी जानबूझकर केमिकल वाले आलू को बेच रहे हैं, क्योंकि इस पर उन्हें अधिक मुनाफा हो रहा है। सीनियर न्यूट्रीशियन का कहना है कि अमोनिया का अधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इससे मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है और विभिन्न मानसिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
अमोनिया का उपयोग कैसे किया जाता है?
आलू में बदलाव लाने के लिए व्यापारी अमोनिया पाउडर का उपयोग करते हैं। 50 रुपये किलो में मिलने वाले अमोनिया पाउडर को पानी में घोलकर पुराने आलू को इस घोल में 14 घंटे तक डुबोकर रखा जाता है। इस प्रक्रिया से आलू का वजन बढ़ जाता है, उसकी चमकदार सतह उसे नया दिखाती है। हालांकि, इस प्रक्रिया के बाद आलू जल्दी खराब हो जाता है क्योंकि इसके ताजगी बनाए रखने की क्षमता खत्म हो जाती है।
व्यापारियों पर कार्रवाई की तैयारी
खाद्य अधिकारी ने बताया कि इस मामले की जांच की जाएगी और यदि अमोनिया से तैयार आलू की बिक्री की पुष्टि होती है तो संबंधित व्यापारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि आलू पिछले 15 दिनों से बाजार में बिक रहे हैं, लेकिन अभी तक इस पर कोई सैंपलिंग नहीं की गई है। अधिकारी का कहना है कि यदि इस मामले में गड़बड़ी पाई जाती है तो दोषी व्यापारियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
युवाओं को सजग रहने की जरूरत
समाज में बदलते व्यापारिक पैटर्न और मुनाफे के लालच में यह आलू का कारोबार अब एक गंभीर खतरे के रूप में सामने आ रहा है। यह स्थिति लोगों के स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा संकट बन सकती है, खासकर तब जब यह आलू आम आदमी की डाइट का हिस्सा बन चुका है। युवाओं को इस स्थिति से अवगत कराना और उन्हें सजग रहने के लिए प्रेरित करना जरूरी है, ताकि वे इस तरह के ‘नए’ आलू से बच सकें।
यह समय की आवश्यकता है कि पुराने समय के किसानों द्वारा अपनाए गए पारंपरिक तरीकों को फिर से अपनाया जाए, ताकि खाद्य सुरक्षा और लोगों की सेहत दोनों को सुनिश्चित किया जा सके। मुनाफाखोरी के इस खेल के खिलाफ कड़े कदम उठाने की जरूरत है, ताकि किसी भी नागरिक को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना न करना पड़े।