Health Care: टीबी (तपेदिक) एक बेहद संक्रामक बीमारी है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकती है। भारत में टीबी के मरीजों की संख्या चिंताजनक स्तर पर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत समेत पांच देशों में टीबी के मामले सबसे ज्यादा पाए जाते हैं, और यह कोविड से भी ज्यादा खतरनाक मानी जाती है।
Health Care: टीबी के मरीजों का वितरण
रिपोर्ट के अनुसार, टीबी के मरीजों का वितरण इस प्रकार है:
- भारत: 26%
- इंडोनेशिया: 10%
- चीन: 6.8%
- फिलीपींस: 6.8%
- पाकिस्तान: 6.3%
वैश्विक तपेदिक रिपोर्ट 2024 के मुताबिक, इस बीमारी का कुल बोझ 56 प्रतिशत है। टीबी के मामलों में 55 प्रतिशत पुरुष, 33 प्रतिशत महिलाएँ, और 12 प्रतिशत बच्चे और युवा शामिल हैं।
Health Care: बढ़ते संक्रमण के मामले
WHO की हालिया रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2023 में अनुमानित 8.2 मिलियन लोगों में टीबी का निदान होगा। 2022 में 1.32 मिलियन टीबी से होने वाली मौतों की संख्या घटकर 2023 में 1.25 मिलियन होने की उम्मीद है। हालाँकि, मरीजों की संख्या में वृद्धि के कारण 2023 में कुल मामलों की संख्या बढ़कर 10.8 मिलियन होने का अनुमान है।
Health Care: टीबी का उपचार
अच्छी खबर यह है कि टीबी का इलाज संभव है। हालांकि, यदि उपचार में देरी हो जाती है, तो मरीज की जान भी जा सकती है। लगातार खांसी होने पर तुरंत जांच करानी चाहिए और उचित चिकित्सा प्राप्त करनी चाहिए।
Health Care: टीबी का कारण
टीबी रोग का कारण माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु है। जब कोई व्यक्ति इस बैक्टीरिया के संपर्क में आता है, तो यह सांस के माध्यम से स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाता है। इसके बाद, यह फेफड़ों में जमा होकर उन्हें प्रभावित करता है। बैक्टीरिया संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने से फैलता है।
Health Care: टीबी के लक्षण
टीबी के प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं:
- लगातार खांसी
- खांसी के साथ खून और बलगम आना
- सीने में दर्द
- सांस लेने या खांसने पर दर्द
- बुखार
- ठंड लगना
- रात में पसीना आना
- वजन कम होना
- खाने की इच्छा में कमी
- थकान महसूस होना
यदि कोई व्यक्ति तीन सप्ताह या उससे अधिक समय तक खांसी का सामना कर रहा है, तो उसे तुरंत जांच कराने की आवश्यकता है।
टीबी एक गंभीर बीमारी है जो समय पर उपचार न मिलने पर जानलेवा हो सकती है। इसे गंभीरता से लेने और जल्दी से जल्दी जांच और उपचार कराने की आवश्यकता है। जागरूकता और सही जानकारी से हम इस बीमारी के फैलाव को रोक सकते हैं।