Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण कानूनों को कमजोर करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की है। अदालत ने पंजाब और हरियाणा सरकारों से पूछा कि वे पराली जलाने पर सीएक्यूएम एक्ट के तहत जुर्माना लगाने में असफल क्यों हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि पराली जलाने के आंकड़े भ्रामक बताए जा रहे हैं और राज्य सरकारों को इस मामले में गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।
वायु प्रदूषण के खिलाफ कानून का कार्यान्वयन
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वायु प्रदूषण को रोकने के लिए जो कानून बनाया गया था, उसमें आवश्यक प्रावधान लागू किए बिना सीएक्यूएम अधिनियम बनाया गया था। इसके जवाब में, केंद्र ने अदालत को आश्वासन दिया कि पराली जलाने पर सीएक्यूएम एक्ट के तहत जुर्माने से संबंधित दिशानिर्देश 10 दिन के भीतर जारी किए जाएंगे।
कार्रवाई की कमी पर आपत्ति
कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकारों द्वारा पराली जलाने वालों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई न करने पर कड़ी आपत्ति जताई। न्यायालय ने कहा कि यदि ये सरकारें सच में कानून लागू करने में रुचि रखती हैं, तो कम से कम एक मामला तो पेश होना चाहिए।
मुख्य सचिव को निर्देश
पंजाब के मुख्य सचिव को कोर्ट ने यह भी बताया कि 1080 उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं, लेकिन केवल 473 लोगों से मामूली जुर्माना वसूला गया है। उन्होंने कहा कि सरकार 600 से अधिक लोगों को छोड़ रही है, जो यह दर्शाता है कि उल्लंघन करने वालों को संकेत दिया जा रहा है कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। अदालत ने स्पष्ट किया कि ऐसा पिछले तीन वर्षों से हो रहा है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है।