मध्य प्रदेश में तापमान में गिरावट आनी शुरू हो गई है, जिससे कई जिलों में सुबह और रात के समय ठंड का एहसास होने लगा है। पचमढ़ी में तापमान 17 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जबकि जबलपुर में बीती रात का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
प्रदेश में मौसम का मिजाज
मध्य प्रदेश में मानसून की विदाई हो चुकी है, लेकिन कुछ जिलों में लो प्रेशर एरिया और साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण बारिश का दौर जारी है। मंगलवार को कई जिलों में बारिश हुई और अगले 24 घंटों में भी हल्की बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, आज मध्य प्रदेश में मौसम सामान्यतः साफ रहने की उम्मीद है। हालांकि, बंगाल की खाड़ी में सक्रिय लो प्रेशर एरिया के प्रभाव से कुछ जिलों में हल्की बारिश हो सकती है। इंदौर, खंडवा और बड़वानी जिलों में बारिश की संभावना बनी हुई है, जबकि भोपाल, रायसेन, विदिशा, ग्वालियर-चंबल, महाकौशल और विंध्य के अधिकांश जिलों में धूप खिलने की उम्मीद है।
प्रदेश में ठंड की दस्तक
मौसम में ठंड की दस्तक हो चुकी है, जिससे मध्य प्रदेश में ठंड बढ़ने का अनुमान है। नवंबर के पहले हफ्ते में कड़ाके की ठंड की शुरुआत होने की संभावना है। उत्तर भारतीय राज्यों में बर्फबारी और सर्द हवाओं के चलते मध्य प्रदेश में भी ठंड का असर देखने को मिलेगा। मंगलवार को खंडवा में 42 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि खजुराहो में तापमान 36.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा। कई शहरों में रात का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे आ गया, जिससे ठंड का एहसास बढ़ा।
मौसम प्रणालियों का प्रभाव
मौसम विभाग ने बताया कि बुधवार को कुछ जिलों में बारिश की संभावना है, खासकर बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, रतलाम, मंदसौर, नीमच और शिवपुर कला में। इस दौरान गरज और चमक के साथ बारिश हो सकती है, और कुछ स्थानों पर वज्रपात की घटनाएं भी हो सकती हैं। मध्य प्रदेश के मौसम में बदलाव के पीछे तीन प्रमुख मौसम प्रणालियों का प्रभाव है। पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी में अवदाब का क्षेत्र, कर्नाटक के तट पर चक्रवात, और राजस्थान के ऊपर प्रेरित चक्रवात इन सभी के चलते प्रदेश के अधिकतर जिलों में नमी और बादल छा रहे हैं।