मध्य प्रदेश में बंगाल की खाड़ी में एक लो प्रेशर एरिया सक्रिय हो गया है, जिसके कारण 24 सितंबर से 3 दिन तक प्रदेश के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों में मध्यम से तेज बारिश की संभावना है। यह प्रभाव भोपाल, इंदौर, होशंगाबाद और जबलपुर संभागों में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।
प्रदेश में मौसम का मिजाज
मौसम विभाग ने मंगलवार को 8 से 10 जिलों में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है। साथ ही, एक दर्जन से अधिक जिलों में गरज-चमक और हल्की बारिश के आसार बने रहेंगे। ग्वालियर और चंबल संभाग में मंगलवार और बुधवार को हल्की बारिश की संभावना है, जबकि गुरुवार से मानसून गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद है।
इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार, 25 सितंबर को नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, झाबुआ, धार, बड़वानी और अन्य जिलों में तेज बारिश का अलर्ट रहेगा। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और अन्य स्थानों पर हल्की बारिश और गरज-चमक की स्थिति बनी रहेगी। ग्वालियर, मुरैना, भिंड जैसे क्षेत्रों में तेज धूप देखने को मिल सकती है।
मौसम विभाग ने बताया है कि सितंबर में एक स्ट्रांग सिस्टम फिर से सक्रिय हुआ है। मानसून पश्चिमी राजस्थान और कच्छ के इलाके से वापसी कर रहा है, जिससे मध्य बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। यह द्रोणिका प्रदेश से होकर गुजर रही है और एक-दो दिन में इसकी गतिविधियां तेज होंगी, जिससे मध्य प्रदेश में फिर से अच्छी बारिश देखने को मिलेगी।
इन जिलों में हल्की से माध्यम बारिश की संभावना
1 जून से 22 सितंबर के बीच मध्य प्रदेश में 1063.3 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो वार्षिक मानसून औसत से 15 प्रतिशत अधिक है। पश्चिमी और पूर्वी मध्य प्रदेश में क्रमशः 18 और 12 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। इस साल राज्य में 1 जून से 30 सितंबर के बीच औसतन 949.5 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस बार यह आंकड़ा 1063.3 मिमी तक पहुंच गया है।
भोपाल, ग्वालियर समेत 38 जिलों में बारिश 100% से 198% तक हो चुकी है। श्योपुर में बारिश की मात्रा 98% अधिक रही है, जहां 657.3 मिमी की औसत बारिश के मुकाबले 1320.2 मिमी बारिश हुई है। वहीं, रीवा, इंदौर और उज्जैन में बारिश की कमी देखी गई है।